Thursday, November 13, 2025
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तालिबान का बड़ा फैसला: पाकिस्तान को दिया करारा झटका, व्यापार और ट्रांजिट पर लगाई रोक — जानिए वजह

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तालिबान सरकार ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। अफगानिस्तान के आर्थिक मामलों के डिप्टी प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने पाकिस्तान के साथ व्यापार और ट्रांजिट रोकने का ऐलान किया है। यह फैसला तालिबान ने पाकिस्तान की ओर से दी जा रही हमले की धमकियों के बीच लिया है।

तालिबान ने व्यापारियों को दी सख्त चेतावनी

मुल्ला बरादर ने अफगान उद्योगपतियों और व्यापारियों के साथ बैठक में कहा कि अब समय आ गया है कि अफगानी व्यापारी पाकिस्तान के बजाय वैकल्पिक व्यापार मार्गों की तलाश करें। उन्होंने कहा,

“देश की गरिमा और अफगान व्यापारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए इस्लामिक अमीरात ने पाकिस्तान के रास्ते होने वाले व्यापार को रोकने का निर्णय लिया है। पाकिस्तान बार-बार व्यापार मार्गों को बंद कर गैर-राजनीतिक मुद्दों को राजनीतिक टूल की तरह इस्तेमाल करता रहा है।”

बरादर ने आगे कहा कि यदि कोई व्यापारी इस आदेश की अनदेखी करते हुए पाकिस्तान के रास्ते व्यापार करता है, तो सरकार उसकी मदद नहीं करेगी। उन्होंने साफ चेतावनी दी —

“जो व्यापारी इस फैसले का पालन नहीं करेंगे, उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।”

क्यों बढ़ा पाकिस्तान-अफगानिस्तान का विवाद?

दरअसल, हालिया तनाव की जड़ कुर्रम जिला है, जो पहले फेडरली एडमिनिस्टरड ट्राइबल एरिया (FATA) का हिस्सा था। यह इलाका घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा है और यहां पश्तून कबीलों का दबदबा है।

ब्रिटिश हुकूमत ने 1893 में ड्यूंड लाइन बनाकर अफगानिस्तान और ब्रिटिश भारत को अलग किया था, लेकिन पश्तून कबीलों ने कभी इस सीमा को नहीं माना।
पाकिस्तान ने 2018 में FATA को खैबर पख्तूनख्वा में मिला दिया, जिससे पश्तून समुदाय नाराज है। इसी विवादित सीमा क्षेत्र में झड़पें होती रहती हैं, जिन्हें पाकिस्तान अपने ऊपर हमला मानता है — और यही मौजूदा तनाव की बड़ी वजह है।

तालिबान का यह फैसला दोनों देशों के रिश्तों में और कड़वाहट ला सकता है। पाकिस्तान पहले से ही आतंकी हमलों और सीमा विवादों से जूझ रहा है, वहीं अब अफगानिस्तान की यह आर्थिक नाकेबंदी जैसी कार्रवाई दक्षिण एशिया की राजनीति में नया मोड़ ला सकती है।

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