सबसे बुरा हाल कोपागंज नगर व गाँवो का
मऊ (राष्ट्र की परम्परा) जनपद के नगर पंचायत कोपागंज के अलावा सबसे बड़े गांव सहरोज के कुछ इलाकाें को छोड़ दें तो ब्लाक का पूरा गांव असुरक्षित है। कई जगह गलत तरीके से सड़क से सटे हुए रखे ट्रांसफार्मर मौत को दावत दे रहे हैं। बरसात के मौसम में हादसाें का खतरा और बढ़ जाता है। इतना ही नहीं लोग सारा दिन सड़क किनारे रखे इन ट्रांसफार्मराें के आसपास लटक रहे खुले नंगे ताराें के पास से होकर निकलने को मजबूर हैं।तो कही जर्जर बिजली का खम्बा मौत का दावत दे रहा है। ,
कोपागंज ब्लॉक का माफी लाड़नपुर , रजपुरा, काछीकला हो या ब्लाक का सबसे बड़ा गांव सहरोज है जिसकी आबादी लगभग 20 हजार है। इस गांव में बरसात के मौसम में खुले में रखे ट्रांसफार्मर और झूलते जर्जर विद्युत तार पब्लिक के लिए खतरा बन गए हैं। वहीं आए दिन इन ट्रांसफार्मराें से चिंगारी और स्पार्किंग होना आम बात है। न तो इन ट्रांसफार्मराें के आसपास जाली है और न टीपीओ स्विच जिससे आसपास से निकलते लोगाें को करेंट लगने का खतरा तो रहता ही है। साथ ही स्पार्किंग होने से आसपास की घरो में आग लगने का खतरा बना रहता है। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ट्रांसफार्मर एक तो खुले में रखा है ऊपर से जर्जर हाईटेंशन लाइन। इससेे कई बार तो जर्जर एचटी तार टूटकर सड़क पर गिर जाते हैं और उनमें करेंट चालू रहता है। इसके बाद भी लोगाें को जानकारी न होने पर लोग उस तार के आसपास से होकर गुजरते रहते हैं। ट्रांसफार्मर और उससे लटकते खुले नंगे तार से करेंट का खतरा बना रहता है। विद्युत विभाग के अधिकारियाें ने आज तक चेकिंग कर न तो कभी खुले में रखे इन ट्रांसफार्मराें की सुध ली और न ही पब्लिक की सुरक्षा के कोई इंतजाम किए जबकि विद्युत विभाग ट्रांसफार्मर और विद्युत तार चकाचक होने का दावा करता है। इतना ही नहीं घनी आबादी वाले पुरवो में तो जर्जर विद्युत ताराें का हाल और भी ज्यादा खराब है।काली माता के रास्ते पर लगा लोहे का खम्बा इतना जर्जर हो गया है की वह कभी भी गिर सकता है। गांव के दर्जनों लोगों ने कई बार इसकी शिकायत विजली विभाग से किया लेकिन आजतक कोई कार्यवाही नहीं हुयी।
ये है मानक
- रोड क्रासिंग पर तार है तो गार्डिंग (ताराें के नीचे जाल) हो
- ट्रांसफार्मर पर टीपीओ स्विच (इससे करेंट बंद होता है) लगे होने चाहिए
- ट्रांसफार्मर बाडी में अर्थिंग होनी चाहिए
- ट्रांसफार्मर चबूतरे पर हों और चाराें ओर जाली लगी हो
- एचटी और एलटी एक सपोर्ट पर हैं तो गार्डिंग अनिवार्य
- न्यूट्रल अर्थिंग, इससे करेंट का खतरा कम होता है
यही है हकीकत
कहीं भी गार्डिंग नहीं अधिकतर ट्रांसफार्मराें पर टीपीओ स्विच नहीं
ट्रांसफार्मराें में अर्थिंग न होने से करेंट का खतरा करीब 30 फीसदी ट्रांसफार्मर जमीन पर असुरक्षित ढंग से रखे हैं। ज्यादातर ट्रांसफार्मर जाली के घेरे में नहीं लटकते और जर्जर तार ले सकते हैं जान
इससे है खतरे
ट्रांसफार्मर की स्पार्किंग से आग लगने का खतरा
करेंट की चपेट में आ सकते, आर्थिक नुकसान हो सकता, जर्जर तार गिरने से दुर्घटना, जर्जर खम्बे के गिरने का डर
ये है विद्युत विभाग के काम
खुले में रखे ट्रांसफार्मराें की जांच कर उनके आसपास जाली लगवाना
जर्जर विद्युत ताराें के स्थान पर इंसुलेटेड तार बिछाना
अभियान चलाकर बिजली बिल की वसूली करना, अस्थाई कनेक्शनाें की जांच करना, बिजली चोराें के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराना
अधिकारियो ने कहा
विद्युत विभाग के कहना है कि सड़क किनारे रखे ट्रांसफार्मराें में सुरक्षा की दृष्टि से जाली लगवाई जाती है जिससे कोई दुर्घटना न हो। जाली लगवाने के लिए प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है। रहा जर्जर खम्बे की बात जल्द से जल्द उसे बदला जायेगा ,
