Thursday, November 13, 2025
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डिजिटल इंडिया की रफ्तार: UPI से हर दिन करोड़ों ट्रांजेक्शन, लेकिन फ्रॉड के रिकॉर्ड तोड़ आंकड़े — जानें कैसे करें तुरंत शिकायत और बचें ठगी से

भारत डिजिटल भुगतान के युग में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। यूपीआई (UPI) आज हर मोबाइल में मौजूद है और इससे रोजाना 67 करोड़ से ज्यादा ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। अक्टूबर 2025 में ही यूपीआई से 20.7 अरब लेनदेन हुए, जिनकी कुल वैल्यू 27 लाख करोड़ रुपये रही। लेकिन जितनी तेजी से डिजिटल लेन-देन बढ़ रहा है, फ्रॉड के मामले भी उतनी ही तेजी से बढ़ रहे हैं।

यूपीआई फ्रॉड का बढ़ता खतरा

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2022-23 से 2023-24 के बीच यूपीआई फ्रॉड केस 85% बढ़े हैं।
सिर्फ अप्रैल से सितंबर 2024 तक ही 6.32 लाख धोखाधड़ी के केस दर्ज किए गए, जिनमें 485 करोड़ रुपये की ठगी हुई।
अगर यही रफ्तार जारी रही, तो 2024-25 यूपीआई फ्रॉड का रिकॉर्ड तोड़ साल साबित होगा।

ठगों के नए हथियार

फेक क्यूआर कोड: “पैसे लेने के लिए स्कैन करो” कहकर खाते से रकम निकाल लेते हैं।

फेक स्क्रीनशॉट: पेमेंट दिखाकर सामान ले जाते हैं, पैसा असल में नहीं आता।

फिशिंग कॉल्स: बैंक या पुलिस बनकर ओटीपी और पिन निकलवा लेते हैं।

कलेक्ट रिक्वेस्ट फ्रॉड: ‘रिफंड आया है’ या ‘केवाईसी अपडेट करें’ के नाम पर पैसे उड़ जाते हैं।

सिम स्वैप और स्क्रीन शेयरिंग ट्रिक: मोबाइल क्लोन या हेल्प के नाम पर अकाउंट साफ।

सरकार और आरबीआई के नए सेफ्टी नियम

  1. कलेक्ट रिक्वेस्ट बंद: अक्टूबर 2025 से NPCI ने दो लोगों के बीच की कलेक्ट रिक्वेस्ट (Peer-to-Peer) बंद कर दी है।
  2. टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन: अब हर ट्रांजेक्शन में UPI PIN + बायोमेट्रिक/पासवर्ड दोनों जरूरी हैं।
  3. CPFIR पोर्टल: आरबीआई ने बनाया है Central Payments Fraud Information Registry, जो फ्रॉड का लाइव ट्रैक रखता है।
  4. UPI ऐप वॉर्निंग: अब अनजान UPI ID या पहली बार ट्रांजेक्शन पर वॉर्निंग और टाइम डिले मिलेगा।

ठगी हुई तो तुरंत ये करें

बैंक को कॉल करें और अकाउंट फ्रीज करवाएं।

3 दिन के अंदर http://cybercrime.gov.in या 1930 पर शिकायत करें — ऐसा करने पर बैंक को पूरा पैसा लौटाना होगा।

बैंक नहीं सुने, तो NPCI या RBI ओम्बड्समैन (cms.rbi.org.in) पर शिकायत करें।

10,000 रुपये से अधिक की ठगी पर FIR दर्ज कराएं।

खुद को ऐसे सुरक्षित रखें

कभी भी PIN, OTP या पासवर्ड शेयर न करें।

हर बार UPI ID और QR नाम चेक करें।

पब्लिक वाई-फाई पर ट्रांजेक्शन न करें।

UPI ऐप अपडेट रखें और बायोमेट्रिक लॉक लगाएं।

भारत में यूपीआई का जलवा और जाल

हर दिन ट्रांजेक्शन: 67.5 करोड़ से अधिक

अक्टूबर 2025 कुल ट्रांजेक्शन: 20.7 अरब

फ्रॉड केस (अप्रैल-सितंबर 2024): 6.32 लाख

कुल नुकसान: ₹485 करोड़

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