मुंबई (राष्ट्र की परम्परा) मुंबई के अस्पतालों और निजी क्लीनिक्स से निकलने वाले जैव-चिकित्सीय कचरे के संकलन की जबाबदारी महाराष्ट्र सरकार द्वारा एसएमएस इनवोक्लीन प्रायव्हेट लिमिटेड. कंपनी को दी गई है। हालांकि, इस कंपनी पर डॉक्टरों से शासन द्वारा निर्धारित दरों से अधिक शुल्क वसूलने, निकृष्ट सेवा देने तथा कर्मचारियों द्वारा दुर्व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसी मुद्दे को लेकर नॅशनल इंटिग्रेटेड डॉक्टर्स एसोसिएशनने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को विस्तृत मांगपत्र सौंपा है और 11 नवंबर 2025 से मंत्रालय के सामने आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है।
डॉक्टरों का आरोप एसोसिएशन के कार्याध्यक्ष डॉ. योगेश भालेराव के अनुसार:कंपनी शासन द्वारा तय किए गए अधिकृत दरों का पालन नहीं कर रही है।
कई दवाखानों में कचरा कई-कई दिनों तक नहीं उठाया जाता।
कंपनी के कर्मचारियों द्वारा डॉक्टरों को धमकाना, अपमानित करना और सेटलमेंट के नाम पर रिश्वत माँगी जाती है।
एसोसिएशन का कहना है कि कंपनी को मनपा व राज्य सरकार द्वारा दिए गए अधिकारों का दुरुपयोग किया जा रहा है। यदि पिछले वर्षों में डॉक्टरों से वसूले गए अतिरिक्त शुल्क की जांच की जाए, तो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर होने की संभावना है।
कंपनी ने सुधार का आश्वासन दिया थाकंपनी के निदेशक सौरभ शर्मा ने पूर्व बैठक में गलतियों को स्वीकार करते हुए सुधार व नियमों के पालन का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कोई परिवर्तन नहीं देखा गया है।डॉक्टर संगठन की पाँच प्रमुख माँगें इस प्रकार है 1. एसएमएस इनवोक्लीन प्रायव्हेट लिमिटेड. कंपनी के कामकाज की उच्चस्तरीय जांच की जाए, डॉक्टरों से वसूले गए अवैध एवं अतिरिक्त शुल्क तुरंत वापस किए जाएँ, मुंबई के लिए नई, पारदर्शी और जवाबदेह जैव-चिकित्सीय कचरा प्रबंधन प्रणाली लागू की जाए,कंपनी को दिया गया ठेका रद्द किया जाए।
इसके स्थान पर नई निविदा (टेंडर) प्रक्रिया शुरू की जाए।
इस बारे में प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. अमोल आंबेकरअध्यक्ष, नॅशनल इंटिग्रेटेड डॉक्टर्स एसोसिएशन : ने कहा कि “डॉक्टरों के साथ लंबे समय से अन्याय हो रहा है। यदि तत्काल कार्यवाही नहीं हुई, तो हम 11 नवंबर 2025 को मंत्रालय के सामने आमरण अनशन करेंगे।”
11 नवंबर से डॉक्टरों ने दी आमरण अनशन का चेतावनी
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