कोलकाता/हैदराबाद (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग (EC) ने आठ बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के तहत मतदाता सूची से संबंधित फॉर्म घर-घर जाकर देने के बजाय चाय की दुकानों और क्लबों से बांटे।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने बताया कि आयोग ने इन खामियों पर गहरा असंतोष व्यक्त किया है और सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEO) और जिलाधिकारियों (DM) को निर्देश दिया है कि बीएलओ नियमों के अनुसार प्रत्येक मतदाता के घर जाकर फॉर्म वितरित और एकत्र करें।
आयोग ने कहा कि “कर्तव्य में लापरवाही बरतने वाले किसी भी अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।” अब तक 8 बीएलओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जुबली हिल्स उपचुनाव में भाजपा का हमला
तेलंगाना के जुबली हिल्स उपचुनाव में भाजपा ने कांग्रेस और बीआरएस पर तीखा हमला बोला है। प्रचार अभियान के दौरान केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार ने दोनों दलों पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि—
“मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में कांग्रेस अब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नहीं, बल्कि भारतीय मुस्लिम कांग्रेस (IMC) बन गई है।”
उन्होंने हिंदू मतदाताओं से “एकजुट होकर भाजपा को वोट देने” की अपील की और कहा कि—
“तेलंगाना में हिंदू धर्म की रक्षा सिर्फ भाजपा कर सकती है। यहां ‘हिंदू राज्यम’ की स्थापना होनी चाहिए।”
संजय कुमार ने कहा कि यह उपचुनाव हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच मुकाबले के रूप में देखा जा रहा है, और भाजपा इस चुनाव को “धार्मिक अस्मिता की लड़ाई” के रूप में पेश कर रही है।
एक ओर जहां चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक सख्ती दिखा रहा है, वहीं तेलंगाना उपचुनाव में राजनीतिक बयानबाज़ी अपने चरम पर पहुंच गई है। दोनों घटनाएं आने वाले चुनावी माहौल की गंभीरता को दर्शाती हैं।
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