बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘आदि कर्मयोगी योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश के सात जिलों में वंचित और आदिवासी बाहुल्य बस्तियों के विकास की दिशा में कार्य तेजी से शुरू हो गया है। योजना का उद्देश्य है—ग्रामीण, जनजातीय और पिछड़े समुदायों की जीवन गुणवत्ता में सुधार लाना।
समाज कल्याण अधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकार की सभी विकास योजनाओं को एकीकृत कर 21 बिंदुओं पर विशेष सर्वेक्षण किया जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी, जिसके आधार पर अतिरिक्त बजट जारी होगा।
किन जिलों में लागू हो रही है योजना
योजना के लिए बलिया, गाजीपुर, मऊ, सोनभद्र, ललितपुर, लखीमपुर खीरी और कुशीनगर जिलों का चयन किया गया है। इन जिलों की वंचित बस्तियों में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पेयजल, और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
कैसे होगी योजना की निगरानी
राज्य मुख्यालय पर स्वास्थ्य, ग्राम्य विकास और समाज कल्याण विभाग के प्रतिनिधियों को थीम आधारित प्रशिक्षण दिया गया है। अब प्रशिक्षित अधिकारी ब्लॉक और पंचायत स्तर पर टीम बनाकर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।
जिला मास्टर ट्रेनर (DMT) के माध्यम से ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा कराया गया है।
मुख्य उद्देश्य
वंचित और जनजातीय क्षेत्रों का समग्र विकास, आत्मनिर्भरता और स्थानीय नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना, शिक्षा और स्वच्छता में सुधार, शासन और जनजातीय समाज के बीच संवाद को मजबूत करना
समाज कल्याण विभाग बनेगा नोडल एजेंसी
इस योजना का नोडल विभाग समाज कल्याण विभाग को बनाया गया है। सभी जिलों से प्राप्त रिपोर्टों को विभाग द्वारा संकलित कर शासन को भेजा जाएगा।
रिपोर्ट के आधार पर संबंधित गांवों के लिए विकास कार्यों का बजट स्वीकृत किया जाएगा, ताकि वंचित बस्तियों की सूरत बदली जा सके।
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