Sunday, October 19, 2025
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धनतेरस को हुआ था चिकित्सा विज्ञान के देवता भगवान धन्वंतरि का जन्म – आचार्य अजय शुक्ल

18 अक्टूबर को मनाया जाएगा धनतेरस का पर्व

सलेमपुर, देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। सनातन धर्म व संस्कृति का प्रमुख पर्व धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा। उक्त बातें बताते हुए आचार्य अजय शुक्ल ने कहा कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज ही के दिन समुद्र मंथन से 14 रत्न निकले थे जिसमें बिष, मां लक्ष्मी के साथ भगवान धन्वंतरि भी थे।मंथन के वक्त निकलते समय भगवान धन्वंतरि के एक हाथ में अमृत कलश था जिससे लोग शारीरिकी कष्टों व रोगों के मुक्ति दिलाने के साथ ही जिसके पीने से जीवन मरण से देव छूट सकते थे। इसी कारण इन्हें चिकित्सा विज्ञान के देवता व देवताओं के वैद्य के रूप में जाना जाता है और इनकी पूजा आज के दिन की जाती है।इनके साथ मां लक्ष्मी जी व कलश के होने के कारण इस दिन मां लक्ष्मी जी के पूजन व बर्तन खरीदने का कार्य किया जाता है। इस बार खरीददारी के लिए शुभ मुहूर्त पहला मुहूर्त जो अमृत काल का होता है वह सुबह 8 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।साथ ही लाभ उन्नति चौघड़िया मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 51 मिनट से लेकर 3 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। वैसे तो धनतेरस के पूरे दिन आप वाहन,आभूषण व बर्तन की खरीदारी कर सकते हैं। धनतेरस में पूजन के लिए शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में 7 बजकर 16 मिनट से लेकर 8 बजकर 20 मिनट तक का है। इस पर्व के दिन से दीपावली पर्व की शुरुआत हो जाती है ।

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