नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। अखिल भारत हिंदू महासभा के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष दिवंगत बलिदानी कमलेश तिवारी का बलिदान दिवस शुक्रवार को पूरे देश में ‘जेहाद मुक्त भारत संकल्प दिवस’ के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर हिंदू महासभा कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें नमन किया और जेहाद मुक्त भारत निर्माण का संकल्प लिया।
हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी. एन. तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि नई दिल्ली में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि कमलेश तिवारी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सम्मान की रक्षा और जेहाद मुक्त भारत के निर्माण के लिए अपना बलिदान दिया।
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उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी सरकार में तत्कालीन मंत्री आजम खान द्वारा संघ कार्यकर्ताओं को “समलैंगिक” कहे जाने पर कमलेश तिवारी ने संघ के सम्मान में प्रतिक्रिया दी थी। इस टिप्पणी के बाद इस्लामिक चरमपंथियों ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और सर तन से जुदा के नारे लगाते हुए उनके सिर की कीमत करोड़ों रुपये घोषित की थी।
कमलेश तिवारी को नौ महीने जेल में रहना पड़ा और जमानत पर रिहा होने के कुछ समय बाद लखनऊ के खुर्शीदबाग स्थित कार्यालय में उनकी नृशंस हत्या कर दी गई।
रविंद्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि “कमलेश तिवारी का जेहाद मुक्त भारत निर्माण का संकल्प आज भी अधूरा है, जिसे हिंदू महासभा पूरा करने के लिए प्रयत्नशील है।” उन्होंने 1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान तय हिंदू-मुस्लिम आबादी की अदला-बदली को आवश्यक बताते हुए कहा कि “इसके बिना जेहाद मुक्त भारत का स्वप्न अधूरा रहेगा।”
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राष्ट्रीय प्रवक्ता बी. एन. तिवारी ने कहा कि कमलेश तिवारी हिंदुत्व का एक प्रखर चेहरा थे और उनका बलिदान युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने बताया कि जीवन के अंतिम दिनों में तिवारी ने हिंदू समाज पार्टी की स्थापना की थी और उसकी हिंदू महासभा में पुनः विलय की इच्छा जताई थी। तिवारी के समर्थकों ने इसे उनकी “अधूरी इच्छा” बताते हुए पूरा करने का आह्वान किया।