लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। खुद को गुजरात कैडर का IAS अधिकारी बताकर 150 लोगों से लगभग 80 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले जालसाज डॉ. विवेक मिश्र को चिनहट पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी झारखंड के बोकारो का निवासी है और लंबे समय से फरार चल रहा था।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी और उसकी दो बहनों — निधि मिश्र व विधि मिश्र — के खिलाफ वर्ष 2019 में धोखाधड़ी, जालसाजी और धमकी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले की जांच फिलहाल CB-CID कर रही है।
वकील ने कराया मुकदमा दर्ज
गोमतीनगर विकल्पखंड निवासी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. आशुतोष मिश्र ने 24 जुलाई 2019 को चिनहट थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि विवेक मिश्र ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों से लाखों रुपये ऐंठे थे।
यह भी पढ़ें – 🌞 17 अक्टूबर 2025 का दिव्य पंचांग: एकादशी के पुण्य में स्नान, दान और भक्ति का श्रेष्ठ योग
2014 बैच का फर्जी IAS बन ठगता था
पुलिस जांच में सामने आया कि विवेक खुद को 2014 बैच का IAS अधिकारी और गुजरात सरकार में सचिव के पद पर तैनात बताता था। इतना ही नहीं, वह अपनी बहनों को IPS अधिकारी बताकर लोगों को भ्रमित करता था।
वह सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर सीधी-सादी युवतियों से शादी का प्रस्ताव देता था, फिर उनके परिवारों से सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर रकम वसूलता था।
150 लोगों से 80 करोड़ की ठगी
विवेक मिश्र ने कथित तौर पर करीब 150 लोगों को नौकरी का लालच देकर 80 करोड़ रुपये ठगे। शिकायतकर्ता आशुतोष मिश्र ने बताया कि आरोपी ने उनके चार जूनियरों से 4.5 लाख रुपये लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र दिए थे, जिनमें किसी को जनसंपर्क अधिकारी तो किसी को खेल कोटे से डिप्टी एसीपी नियुक्त करने का झांसा दिया गया था।
गिरफ्तारी और आगे की जांच
पुलिस ने आरोपी को कमता क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। फिलहाल CB-CID उसकी दोनों बहनों की भूमिका की जांच कर रही है। विवेक के सोशल मीडिया अकाउंट्स और बैंक ट्रांजैक्शन की भी पड़ताल चल रही है।