दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। राजधानी दिल्ली के लोगों के लिए इस दीपावली पर बड़ी खुशखबरी आई है। सात साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्लीवासियों को ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दे दी है। कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने कहा कि यह फैसला परंपरा और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक सुंदर संतुलन स्थापित करता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि अबकी बार दीपावली का उत्सव पर्यावरण संग मनाया जाएगा।
साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार दिल्ली-एनसीआर में पारंपरिक पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद हर साल वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति के कारण यह रोक जारी रही। इस बार कोर्ट ने 19 और 20 अक्तूबर को सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी है।
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दिल्ली सरकार ने साफ किया है कि केवल नीरी (CSIR-NEERI) से प्रमाणित क्यूआर कोड वाले ग्रीन पटाखे ही मान्य होंगे। इनकी बिक्री 18 से 20 अक्तूबर तक अधिकृत दुकानों पर ही की जाएगी। सरकार जल्द ही लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं की सूची जारी करेगी ताकि अवैध बिक्री और कालाबाजारी पर रोक लगाई जा सके।
पर्यावरण मंत्री सिरसा ने कहा कि “अगर दिल्ली की हवा दीपावली के बाद बेहतर रही तो यह छूट आगे भी जारी रह सकती है।” इसके लिए दिल्ली पुलिस, एमसीडी, डीपीसीसी और सीपीसीबी समेत कई एजेंसियां निगरानी करेंगी। 14 से 25 अक्तूबर तक हर दिन एक्यूआई की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भेजी जाएगी।
2018 में वैज्ञानिक संस्थान सीएसआईआर-नीरी ने ग्रीन पटाखे विकसित किए थे, जो सामान्य पटाखों की तुलना में कम धुआं और ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं। अब दिल्लीवासी इन्हीं ग्रीन पटाखों से अपनी दीपावली रोशन कर सकेंगे — पर्यावरण की सुरक्षा के साथ।
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