Friday, October 17, 2025
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बही भक्ति, प्रेम और मातृत्व की त्रिवेणी, बाल योगी पचौरी जी महाराज ने किया श्रीकृष्ण बाल लीलाओं का अद्भुत वर्णन

संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जिला मुख्यालय के औद्योगिक अस्थान में चल रहे नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस की कथा बुधवार को अत्यंत भक्ति भाव और उत्साह के वातावरण में संपन्न हुई। कथा का आयोजन भारत-तिब्बत समन्वय संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पूर्व प्रधानाचार्य रामकुमार सिंह के सौजन्य से किया जा रहा है।
इस अवसर पर वृंदावन धाम से पधारे राष्ट्रीय संत पचौरी जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की पावन बाल लीलाओं, पुतना उद्धार, उखल बंधन लीला और गोवर्धन लीला का अत्यंत भावपूर्ण और मार्मिक वर्णन किया।
कथव्यास पचौरी जी महाराज ने पुतना उद्धार कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। जब पापिणी पुतना ने बालकृष्ण को विषपान कराने का प्रयास किया, तब भगवान ने उसे मोक्ष प्रदान किया। यह घटना दर्शाती है कि ईश्वर की शरण में आने वाला कोई भी प्राणी अंततः कल्याण को प्राप्त करता है।
इसके बाद उखल बंधन लीला का वर्णन करते हुए पचौरी जी महाराज ने कहा कि यह कथा मातृत्व और स्नेह का प्रतीक है। जब माता यशोदा ने बालकृष्ण को उखल से बांधा, तो यह कोई दंड नहीं बल्कि प्रेम का बंधन था। उन्होंने कहा कि ईश्वर भी अपने भक्तों के प्रेम में बंध जाते हैं, और यही भक्ति की सर्वोच्च अवस्था है।
इसके उपरांत महाराज ने गोवर्धन लीला का वर्णन करते हुए बताया कि जब इंद्र के अहंकार से ब्रजवासी संकट में पड़े, तब बालकृष्ण ने अपने नन्हे हाथ से गोवर्धन पर्वत उठाकर सबकी रक्षा की। यह लीला सिखाती है कि भक्ति में समर्पण और अहंकार का त्याग आवश्यक है।
कथा के दौरान पूरा पंडाल “जय श्रीकृष्ण” और “गोवर्धनधारी लाल की जय” के उद्घोषों से गूंज उठा। भक्त भक्ति रस में डूबे भावविभोर हो उठे। वातावरण में भजन, कीर्तन और जयघोषों की मधुर ध्वनियाँ गूंजती रहीं।
इस अवसर पर कथा परीक्षित उर्मिला सिंह, रामकुमार सिंह, डॉ. के. के. सिंह, रमाशंकर सिंह, मुन्नी देवी, डॉ. श्याम कुमार सिंह, विधान परिषद सदस्य संतोष कुमार सिंह, एमएलसी प्रतिनिधि इंजीनियर सुधांशु सिंह, अयांश, रेयांश सहित अनेक श्रद्धालु एवं गणमान्यजन उपस्थित रहे।

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