संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जिला मुख्यालय के औद्योगिक क्षेत्र स्थित भारत तिब्बत समन्वय संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामकुमार सिंह के आवास पर नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ शनिवार को कलश यात्रा के साथ हुआ। श्रद्धालु गाजे-बाजे और भक्ति गीतों के बीच कैलाश नगर शिव मंदिर से कलश में जल लेकर यात्रा पर निकले। यात्रा नगर के विभिन्न क्षेत्रों से होती हुई कथा स्थल पहुंची, जहां भगवान के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
कथा व्यास ने कहा कि भागवत भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का मार्ग दिखाने वाली तथा दुखों से मुक्ति दिलाने वाली है। कलियुग में मोह और अज्ञान से छुटकारा पाने का सबसे सरल उपाय भागवत का श्रवण है। उन्होंने बताया कि नारद ऋषि पूर्व जन्म में दासी पुत्र थे, परंतु महात्माओं के सत्संग ने उन्हें देवर्षि बना दिया। अज्ञान ही सभी दुखों का मूल है और भागवत उसी अंधकार को दूर करती है।
वृंदावन धाम से पधारे विख्यात कथा वाचक बालयोगी पूज्य पचौरी जी महाराज ने प्रथम दिवस में श्री गणेश पूजन, कलश यात्रा, परीक्षित जन्म, श्री शुकदेव पूजन और भगवान के 24 अवतारों का वर्णन किया।
कथा परीक्षक रामकुमार सिंह ने कहा कि भागवत कथा से बच्चों में उच्च संस्कार विकसित होंगे। जब उनके मन में धर्म और सेवा का भाव जागेगा, तभी वे अपने माता-पिता की सेवा में अग्रसर होंगे।
पूजन-अर्चन का कार्य विद्वान आचार्यों द्वारा विधि-विधान से संपन्न कराया गया। कथा के दौरान विधान पारिषद सदस्य संतोष कुमार सिंह, उर्मिला सिंह, सुधांशु सिंह,अरविंद पांडेय, विवेक, अन्वी, शालिनी सहित सैकड़ों भक्तजन उपस्थित रहे।
कलश यात्रा के साथ नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ
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