Tuesday, October 14, 2025
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कलावती हत्याकांड: 10 दिन बाद भी नहीं मिला कातिल, अब घरवालों पर शक — सिर अलग कर की गई थी हत्या

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। गोरखपुर जिले के कैंपियरगंज थाना क्षेत्र के भुईधरपुर गांव में हुई 60 वर्षीय कलावती यादव हत्याकांड को दस दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस अभी तक हत्यारे तक नहीं पहुंच सकी है।
26 सितंबर की सुबह खेत किनारे कलावती की धड़ से अलग सिर वाली लाश मिलने के बाद से गांव में दहशत और अंधविश्वास दोनों का माहौल है। पुलिस ने अब जांच का फोकस परिवार के भीतर के लोगों पर केंद्रित कर दिया है।

200 लोगों से पूछताछ, 50 CCTV फुटेज खंगाले

घटना के बाद से अब तक पुलिस करीब 200 ग्रामीणों से पूछताछ कर चुकी है और 50 से अधिक CCTV फुटेज खंगाले गए हैं, लेकिन किसी ठोस साक्ष्य का पता नहीं चला।
सुराग न मिलने के कारण पुलिस अब ‘इनसाइड एंगल’ यानी घर के भीतर के विवादों की जांच कर रही है।

घरवालों पर बढ़ा शक, बहू और भतीजे से गहन पूछताछ

मृतका कलावती अपने दो बेटों, बहू और बेटी के साथ रहती थीं।
पुलिस ने मृतका की बहू उत्तरा देवी और भतीजे से घंटों पूछताछ की है। दोनों के मोबाइल जब्त कर कॉल डिटेल और लोकेशन खंगाली गई, लेकिन कोई संदिग्ध गतिविधि सामने नहीं आई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बहू ने कलावती के बेटे से दूसरी शादी की थी और पहले पति से उसकी एक बेटी भी है। अब पुलिस उस बेटी से पूछताछ की तैयारी में है, जिससे नए सुराग मिलने की उम्मीद है।

घटनास्थल से मिले दो गड़ासे और झोला बने रहस्य

घटनास्थल से दो गड़ासे और एक झोला बरामद हुआ है। परिवार का कहना है कि ये औजार कलावती के नहीं थे।
पुलिस अब इन वस्तुओं के फिंगरप्रिंट और DNA रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, ताकि हत्यारे की पहचान की जा सके।

डॉग स्क्वॉड बार-बार लौटा कलावती के घर

डॉग स्क्वॉड की मदद से जांच के दौरान खोजी कुत्ते टोनी को कलावती के कपड़े सुंघाए गए।
कुत्ता बार-बार मृतका के घर और नल के पास लौटता रहा, जिससे पुलिस को शक हुआ कि हत्या किसी करीबी या घर के ही व्यक्ति ने की है।
दूसरी बार बुलाए गए डॉग स्क्वॉड ने भी उसी दिशा में इशारा किया, जिससे पुलिस का शक और गहरा गया।

CCTV में नहीं दिखी कलावती

गांव और आसपास के 50 से अधिक CCTV फुटेज की जांच में कलावती को गांव से बाहर जाते हुए नहीं देखा गया।
पुलिस का मानना है कि हत्या घर या आसपास में ही की गई और शव को बाद में खेत में फेंका गया।

बलि की आशंका भी हुई थी जांच का हिस्सा

नवरात्र के दौरान घटना होने के कारण पुलिस ने बलि या तांत्रिक गतिविधि की संभावना पर भी जांच की थी।
इस क्रम में पुलिस ने 10 तांत्रिकों से पूछताछ की, जिनमें से एक मृतका का रिश्तेदार बताया जा रहा है।
हालांकि, किसी भी धार्मिक बलि के साक्ष्य नहीं मिले, और पुलिस ने इस एंगल को लगभग खारिज कर दिया है।

गांव में दहशत और अंधविश्वास का माहौल

हत्या के बाद से गांव में डर और अफवाहों का माहौल बना हुआ है।
रात में ग्रामीण उस रास्ते से गुजरने से कतराते हैं जहां लाश मिली थी।
कई लोग कहते हैं कि “आत्मा भटक रही है।” बच्चे स्कूल जाने से डरते हैं और गांव में आपसी अविश्वास बढ़ गया है।

जांच जारी, जल्द खुलासा का दावा

इस सनसनीखेज हत्या ने पुलिस की नींद उड़ा दी है।
पीपीगंज पुलिस, सर्विलांस टीम और क्राइम ब्रांच लगातार जांच में जुटी हैं, लेकिन अब तक ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
एसपी नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया,

“हत्या में किसी नजदीकी व्यक्ति की संलिप्तता के साक्ष्य मिले हैं। जांच अंतिम चरण में है, जल्द ही वारदात का पर्दाफाश किया जाएगा।”

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