बलिया( राष्ट्र की परम्परा)
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आवागमन को सुलभ करने के लिए खरीद दरौली घाट पर पीपा पुल लगाने का कार्य किया जाता है।15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच पीपा पुल हर साल लगाने का टेंडर हो जाता है। लेकिन इस बार अभी तक पीपा पुल नहीं लगने के कारण आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। मांगलिक कार्यक्रम का समय चल रहा है उत्तर प्रदेश और बिहार को जोड़ने वाला यह पीपा पुल पर हजारों हजारों की संख्या में रोज आवागमन पीपा पुल के माध्यम से होता है। लोग अपनी दूरी कम समय में तय करके पुनः अपने घर को वापस चले जाते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है स्थानीय लोगों का कहना है कि 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच पीपा पुल हर समय लग जाता था। और मांगलिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए लोग आसानी से उत्तर प्रदेश के लोग बिहार में और बिहार के लोग उत्तर प्रदेश में आवागमन करते थे। लेकिन इस बार स्ट्रीमर के सहारे आवागमन हो रहा है। घंटो घंटो लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है जो दूरी हम आधा घंटा में तय करते थे वह दूरी दो से तीन घंटे में तय कर रहे हैं। क्योंकि 65 किलोमीटर की दूरी बेल्थरा रोड भागलपुर के सहारे घूम कर जाना पड़ता है तब कहीं हम दरौली पहुंचते हैं ।पूर्व प्रधान त्रिलोकी नाथ यादव का कहना है की हम लोग के यहां से दूध बेचने वाले पीपा पुल के माध्यम से सुबह 6:00 से 8:00 तक दरौली पहुंच जाते थे और इस स्ट्रीमर के माध्यम से 10:00 बजे के बाद पहुंचते हैं।अगर किसी को अपने रिश्तेदारी में उस पार या इस पर जाना होता है तो पूरा उसका दिन बिगड़ जाता है।और वह अपने घर को वापस रात को नहीं जा पाता है राजेश कुमार तिवारी जो अध्यापक हैं बिहार में पीपा पुल के माध्यम से उनकी दूरी 1 घंटे में तय हो जाती थी विद्यालय तक जाने में लेकिन स्ट्रीमर के सहारे 4 घंटा समय लगता है। और नदी के किनारे इंतजार करना पड़ता है कि स्ट्रीमर उस पार से कब आएगा संतोष कुमार यादव ने बताया कि अगर किसी को बिहार में जाना होता है तो पीपा पुल के माध्यम से अपनी बाइक से 1 घंटे में सिवान और 2 घंटे में गोपालगंज पहुंच जाता है। लेकिन इस स्ट्रीमर के सहारे इंतजार करना पड़ता है।और दूरी का और समय का कोई मोल नहीं रह जाता है मिथिलेश कुमार पांडे ने बताया कि हमारी खेती उस पार भी है और इस पार भी है खेती करने में भी काफी दिक्कत हो रही है।पीपा पुल के सहारे बाइक से अपने खेत पर आधा घंटा में पहुंचा देते लेकिन स्ट्रीमर के सारे जाने में घंटो घंटो लग जाता है। अधिशासी अभियंता क्षितिज कुमार जयसवाल ने बताया कि 30 अक्टूबर से 15 नवंबर के लिए टेंडर प्रकाशित किया गया था लेकिन टेंडर प्रहरी के नाते देर हो रहा है।सॉफ्टवेयर में टेक्निकल फाल्ट है जिसके वजह से टेंडर नहीं हो रहा है सॉफ्टवेयर ठीक होने के बाद तुरंत टेंडर कर दिया जाएगा और काम सुचारू रूप से चलने लगेगा लेकिन जब तक नहीं हो रहा है। तब तक विभाग भी मजबूर है।
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