बारिश पर भारी पड़ा आस्था का जन सैलाब
सलेमपुर/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। सलेमपुर नगर में इस बार भी मूर्ति विसर्जन का आयोजन गगनभेदी नारों, ढोल-नगाड़ों और अनुशासनपूर्ण जुलूसों के बीच ऐतिहासिक रूप से सम्पन्न हुआ। मौसम की आंख-मिचौली और बीच-बीच में होती तेज–हल्की बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था।सुबह से ही नगर में भक्ति और उल्लास का वातावरण बन गया। हजारों की संख्या में लोग कतारबद्ध होकर पूरे अनुशासन के साथ मंदिरों और पंडालों से प्रतिमाओं को लेकर विसर्जन स्थल तक पहुंचे। कभी आसमान साफ हो जाता तो कभी बादलों से घिर जाता, किंतु भक्तजन भीगते हुए भी जयकारों और देवी–देवताओं के गीतों पर थिरकते नजर आए। उनका जोश मौसम की किसी चुनौती से डगमगाता नहीं दिखा।नगरवासी परिवार सहित जुलूस में शामिल हुए और इस सामूहिक धार्मिक उत्सव का हिस्सा बने। एक-दूसरे का उत्साहपूर्वक अभिवादन कर भक्तों ने पूरे नगर को मेले के रूप में परिवर्तित कर दिया। सड़कों और गलियों में “जय माँ की” और “हर-हर महादेव” के जयघोष से वातावरण गुंजायमान हो उठा।प्रशासनिक स्तर पर भी पूर्ण मुस्तैदी देखी गई। कार्यक्रम के दौरान क्षेत्राधिकारी सलेमपुर मनोज कुमार और कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार पटेल सुरक्षा व्यवस्था में सक्रिय दिखे।
पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती के बाद भी भीड़ के कारण कई बार यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई, मगर उत्सव की लय में कहीं बाधा नहीं आई।बारिश और मौसम की चुनौती के बावजूद हजारों श्रद्धालुओं का उमड़ना नगर की सामूहिक आस्था, एकजुटता और धार्मिक उत्साह का परिचायक रहा। लोगों के चेहरों पर प्रसन्नता झलक रही थी और पूरे नगर में परंपरा और आस्था का अद्भुत संगम दिखाई दिया।
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