
26 वर्षीय सावेंद्र का अपहरण, दूसरा भाई उदय राज किसी तरह छूट कर भागा
कलान/शाहजहांपुर(राष्ट्र की परम्परा)
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के कटरी क्षेत्र में दशकों पुराने नज्जू-कल्लू गैंग का भूत फिर लौट आया है। नज्जू के बेटे और उसके साथियों ने 26 वर्षीय युवक सावेंद्र (पुत्र सुरेश, ग्राम परौर मंझा निवासी) का अपहरण कर लिया, जबकि उसका भाई उदय राज किसी तरह छूटकर गांव पहुंच गया। पुलिस ने रविवार की सुबह नदी पार कटरी के जंगली इलाके से सावेंद्र को बरामद कर लिया लेकिन तब तक गैंग के सदस्यों ने उसे रात भर बुरी तरह पीटा।
यह घटना पुरानी भैंस चोरी की रंजिश और 6 सितंबर को हुई एक महिला से छेड़छाड़ की घटना से उपजी बताई जा रही है। इलाके के ग्रामीण दहशत में हैं और पुराने गैंग के सक्रिय होने की आशंका से बाजार बंद होने की नौबत आ गई।
कटरी क्षेत्र के दर्जनों गांवों—जैसे परौर, मंझा, मदनापुर और महोनिया में कभी कल्लू और नज्जू गैंग का अखंड राज चलता था। 1990 के दशक में ये डाकू अपहरण, लूटपाट और हत्याओं के जरिए इलाके को दहशत में रखते थे। इनकी बिना इजाजत के कोई भी गांव में प्रवेश नहीं कर सकता था पुलिस मुठभेड़ में कल्लू की मौत (1999 में दरोगा राजेश पाठक की हत्या के बाद) के बाद गैंग के अन्य सदस्यों का भी अंत हो गया। नज्जू को उम्रकैद की सजा मिली, लेकिन जेल से रिहा होने के बाद (2023 में) वह शांत जीवन जीने का दावा करते हुए गांव परौर में मकान बनवाने लगा।
हालांकि, नज्जू के बेटे ने पिता के कदमों पर चलते हुए अपना खुद का गिरोह खड़ा कर लिया। यह गिरोह जिसमें अजय पाल फौजी, धर्मवीर, नन्हे पाल (पुत्र ख्याली) और अन्य शामिल हैं। विरोध करने वालों को पीट-पीटकर या धमकाकर चुप करा दिया जाता था। पिछले वर्ष (2024 में) नज्जू के पुत्र के खिलाफ सावेंद्र और जितेंद्र ने भैंस चोरी का मुकदमा दर्ज कराया था। इस रंजिश ने आग में घी डाल दिया। सावेंद्र का परिवार बताता है उस मुकदमे के बाद से ही गैंग वाले हमें निशाना बनाने लगे थे। हमने कई बार थाने में शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
छेड़छाड़ से अपहरण तक,घटनाक्रम की पूरी कहानी
6 सितंबर 2025 की शाम को नज्जू के बेटे के करीबी साथी अजय पाल फौजी ने परौर गांव की एक विवाहित महिला के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की। महिला ने तुरंत घर जाकर पति और ससुर को बताया। इस पर अजय पाल, धर्मवीर, नन्हे पाल और 10-12 गुर्गों ने महिला के ससुर को घेर लिया। उन्होंने खुले तौर पर धमकी दी, शिकायत की तो पूरे परिवार को खत्म कर देंगे। डरी हुई महिला ने रात में ही स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद अजय पाल फौजी के खिलाफ (महिला से छेड़छाड़) के तहत मुकदमा दर्ज हो गया।
जब जसवीर तहरीर देने थाने गया तो उसके साथ सावेंद्र भी था, लेकिन मुकदमा दर्ज होते ही गैंग ने ताबड़तोड़ बदला लेना शुरू कर दिया। उसी शाम को अजय पाल फौजी, धर्मवीर और नन्हे पाल ने महिला के ससुर को गांव के बाहर घसीटकर जमकर पीटा। ससुर को सिर पर गंभीर चोटें आईं, लेकिन परिवार के डर से अभी तक इस पिटाई का अलग से मुकदमा दर्ज नहीं हुआ।
महिला के ससुर की पिटाई के बाद ही गैंग सावेंद्र और उसके भाई उदय राज को पकड़ने पहुंचा। दोनों भाई खेत में काम कर रहे थे । उदय राज ने बताया, “वे चिल्ला रहे थे कि सावेंद्र ने गैंग के खिलाफ गवाही दी है, इसलिए उसे सबक सिखाना है। मैं किसी तरह हाथ छुड़ा कर गांव की ओर भागा, लेकिन सावेंद्र को वे घसीटते हुए ले गए।” सावेंद्र को बंधक बनाकर नदी पार कटरी के घने जंगल में ले जाया गया वही जगह जहां कभी पुराने गैंग के अड्डे हुआ करते थे।
गैंग ने उदय राज के ही मोबाइल फोन से परिवार के अन्य सदस्यों अवधेश शुक्ला, जसवीर और राजीव गुर्जर को फोन किया। धमकी थी साफ “सावेंद्र को छुड़ाना है तो थाने से मुकदमा वापस कराओ, वरना नदी में डुबो देंगे।” उदय राज ने तुरंत गांव वालों को सूचना दी, जिसके बाद अपहरण की खबर थाने पहुंची लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने देरी से कार्रवाई की। “रात भर सावेंद्र के रोने की आवाजें जंगल से आ रही थीं,” एक स्थानीय किसान ने नाम न छापने की शर्त पर बताया।
पुलिस कार्रवाई और जिला बदर का सवाल
अपहरण की सूचना मिलते ही थाने में हड़कंप मच गया। एसओ ने तुरंत एक टीम गठित की,आज सुबह कटरी के जंगल में छापेमारी शुरू हुई। गैंग के सदस्य सावेंद्र को छोड़कर भाग निकले, लेकिन सावेंद्र को बरामद कर लिया गया। वह बेहोशी की हालत में था और प्राथमिक उपचार के बाद डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल शाहजहांपुर ले जाया गया।
पुलिस ने अजय पाल फौजी, धर्मवीर, नन्हे पाल सहित नामजद अन्य सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसपी शाहजहांपुर ने कहा, “गैंग के सभी सदस्यों को 24 घंटे में गिरफ्तार कर लिया जाएगा। नज्जू गैंग के पुनरागमन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” लेकिन ग्रामीण नाराज हैं। गैंग का प्रमुख संरक्षक नन्हे पाल जिला बदर घोषित है, फिर भी वह खुलेआम परौर गांव में अपने घर पर रहता है। “यदि पुलिस ने जिला बदर को पकड़ लिया होता, तो इनके हौसले बुलंद न होते।