
बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। चंदौली में ड्यूटी के दौरान ब्रेन हैमरेज से शहीद हुए सीआरपीएफ जवान जवाहर लाल गुप्ता (50 वर्ष) का मंगलवार को उनके पैतृक गांव भुवालछपरा (थाना दोकटी क्षेत्र) में गमगीन माहौल के बीच अंतिम संस्कार किया गया। तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर के घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। पत्नी, बेटे-बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल था। गांव और आसपास के इलाकों से उमड़े भारी जनसैलाब ने अपने वीर सपूत को अंतिम विदाई दी। सतीघाट भूसौला पर सीआरपीएफ जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी, वहीं बड़े बेटे अमित गुप्ता ने पिता को मुखाग्नि दी। भुवालछपरा निवासी जवाहर लाल गुप्ता चंदौली में सीआरपीएफ में तैनात थे। ड्यूटी के दौरान उन्हें अचानक ब्रेन हैमरेज हुआ। 10 दिन तक उनका इलाज चला, लेकिन सोमवार की रात उनका निधन हो गया। शहीद जवान अपने पीछे पत्नी शारदा देवी और चार बच्चों—अमित गुप्ता (21), स्नेहा (18), आशीष (16) और यूशी (14) को छोड़ गए हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि शव यात्रा और अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को तत्काल 75,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। विभागीय नियमों के अनुसार अन्य सभी लाभ और सुविधाएं भी परिवार को दी जाएंगी। शव गांव पहुंचने से पहले सूर्यभानपुर गांव में कुछ लोगों ने रास्ते में जेसीबी से गड्ढा खोदकर रुकावट डालने का प्रयास किया। हालांकि, मौके पर पहुंचे सीआरपीएफ अधिकारियों और ग्रामीणों के हस्तक्षेप से स्थिति शांत करा दी गई और शव यात्रा आगे बढ़ाई गई।