
हाई कोर्ट के आदेश के बाद टूटा इंतजार, संघ की लड़ाई रंग लाई, आश्रित परिवारों में खुशी की लहर
प्रशासनिक टाल मटोल पर अदालत में दिखाई नाराजगी, कहां मृतक आश्रितों को हक से वंचित करना अन्याय
महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। जनपद महाराजगंज के ग्राम रोजगार सेवकों द्वारा पिछले पांच वर्षों से किया जा रहा संघर्ष आखिरकार रंग लाया। मृतक ग्राम रोजगार सेवकों के आश्रितों को अब अनुकंपा के आधार पर रोजगार सेवक पद पर नियुक्ति मिल सकेगी। इस निर्णय से संगठन सहित मृतक आश्रितों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
उत्तर प्रदेश ग्राम रोजगार सेवक संघ के जिलाध्यक्ष ब्रह्मानंद ने बताया कि संगठन ने लगातार यह मांग उठाई थी कि दिवंगत ग्राम रोजगार सेवकों के आश्रितों को नौकरी देकर उनके परिवारों की आजीविका सुरक्षित की जाए। उन्होंने कहा कि जब परिवार का मुखिया दुनिया छोड़कर चला जाता है तो नाबालिग बच्चों सहित पूरा परिवार असुरक्षित भविष्य की चिंता में डूब जाता है।
ग्राम रोजगार सेवक संघ ने इस दुखद परिस्थिति को देखते हुए प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बार-बार गुहार लगाई। मुख्यमंत्री ने करुणावश शासनादेश जारी कर अनुकंपा नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया।
हालांकि, कुछ अधिकारियों ने शासनादेश को नजरअंदाज़ कर मामले को वर्षों तक लंबित कर ठंडे बस्ते में रखा। मजबूरन संघ को उच्च न्यायालय इलाहाबाद का दरवाजा खटखटाना पड़ा। न्यायालय ने तत्कालीन जिलाधिकारी
महराजगंज के हलफनामे को खारिज करते हुए मृतक आश्रितों को नौकरी देने का स्पष्ट आदेश पारित कर दिया।
उच्च न्यायालय के इस फैसले से मृतक ग्राम रोजगार सेवकों के परिजनों में नई उम्मीद जगी है। लंबे संघर्ष के बाद अब वे अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त हो सके हैं।