Thursday, October 30, 2025
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बच्चों द्वारा भीख मांगना-(एक सामाजिक बुराई)

बलिया(राष्ट्र की परम्परा)

यदि कोई भी व्यक्ति किसी किशोर अथवा बच्चे से भीख मंगवाता है अथवा इस उद्देश्य से रोजगार पर रखता है तो उसे 3 वर्ष तक कैद की सजा दी जा सकती है और उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है आईपीसी की धारा 363A के तहत बच्चों के द्वारा भीख मंगवाने पर 10 साल की कारावास का प्रावधान है लेकिन फिर भी स्थिति में सुधार नहीं है आज भी बच्चे भीख मांगते नजर आते हैं अक्सर छोटे बच्चों को भीख मांगते या हाथ फैलाए रास्ते में चौराहे मंदिर बस स्टेशन रेलवे स्टेशन तथा होटलों के सामने आपने अवश्य देखा होगा भीख मंगवाना या बच्चों से काम करवाना घोर अपराध है क्योंकि लेकिन हम सभी इस विषय पर विचार करने के बजाय आगे बढ़ जाते हैं इस तरह से हम सभी अपने नैतिक तथा सामाजिक दायित्व की अवहेलना करते हैं हमारे द्वारा इस समस्या पर गंभीरता से विचार अथवा कार्यवाही ना करना ही इस अपराध को बढ़ाने में मददगार साबित होता है और अपराधी निर्भीक होकर बच्चों का शोषण करता है यूनिसेफ की माने तो दुनिया भर में तकरीबन 10 मिलियन बच्चे बाल श्रम में लिप्त हैं गरीबी भूखमरी तथा आय की असमानताओं के चलते देश में एक वर्ग ऐसा भी है जिसे भोजन कपड़ा और आवास जैसी आधारभूत सुविधाएं भी प्राप्त नहीं हो पाती हैं यह वर्ग कई बार मजबूर होकर भीख मांगने का विकल्प अपना लेता है कई बार गरीबी से पीड़ित व्यक्ति की मजबूरी का फायदा कुछ विरोधी उठाते हैं ऐसे गिरोह संगठित रूप से भिक्षावृत्ति के रैकेट चलाते हैं यह गरीब व्यक्तियों को लालच देकर या डरा धमकाकर नशीले ड्रग्स देकर भीख मांगने को मजबूर करते हैं भीख मांगना एक सामाजिक बुराई है जिसे जड़ से मिटाने के लिए निम्नलिखित प्रयास किया जाना चाहिए—
1-भिक्षावृत्ति पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाना चाहिए
2-किसी को भी भिक्षा वृत्ति को बढ़ावा नहीं देना चाहिए
3-भूखे व जरूरतमंदों को खाना
कपड़ा देना चाहिए
4-भिक्षावृत्ति करने वालों का पहचान पत्र होना चाहिए

सीमा त्रिपाठी
शिक्षिका साहित्यकार लेखिका

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