Friday, October 31, 2025
Homeउत्तर प्रदेशचुटकी भर सिंदूर का महत्व

चुटकी भर सिंदूर का महत्व

बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। विवाहित महिलाओं द्वारा मांग में सिंदूर लगाने से नकारात्मक शक्तियां नजदीक नहीं आने पाती तथा सौंदर्य में वृद्धि होती है। पौराणिक कथाओं में लाल रंग के माध्यम से माता सती और पार्वती की ओर इशारा किया गया है। ऐसी मान्यता है कि सिंदूर लगाने से माता पार्वती अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद देती है। ऐसा कहा जाता हैं कि मांग भरने से पति की आयु में वृद्धि होती है अर्थात स्त्री के सौभाग्य में वृद्धि होती है। सुहागिन स्त्रियां अपनी मांग को कभी सूनी नहीं रहती हैं। सिंदूर लगाने का वैज्ञानिक कारण भी है जैसे सिरदर्द, अनिद्रा, तथा मस्तिष्क से जुड़े रोग भी दूर हो जाते हैं। स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सुहागिन महिलाओं को मांग में सिंदूर अवश्य लगाना चाहिए। माना जाता है कि पति की लंबी उम्र की कामना के लिए सिंदूर लगाया जाता है। शादी में पति स्वयं अपने हाथ से पत्नी की मांग में सिंदूर भरता है। इसके बाद महिला तब तक सिंदूर भरती है जब तक वह सुहागिन रहती है। सिंदूर को पति की उम्र से जोड़ा जाता है मान्यता है कि शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए अपनी मांग सिंदूर से भरती है इसके अलावा सिंदूर लगाने से घर में सुख शांति रहती है तथा सिंदूर का इस्तेमाल हर पूजा पाठ में किया जाता है। बिना सिंदूर के हर पूजा अधूरी मानी जाती है। चुटकी भर सिंदूर के अनेकों उपाय हैं जो आपकी परेशानियों को दूर कर देते हैं। माता लक्ष्मी को सिंदूर बहुत प्रिय है। सिंदूर माता लक्ष्मी के सम्मान का प्रतीक माना जाता है। मां लक्ष्मी की पूजा में सिंदूर को अवश्य शामिल किया जाता है। सिंदूर को किसी भी मापदंड से नहीं आंका जा सकता क्योंकि वह अनमोल है यह समस्त महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा, स्वतंत्रता और उसके मूल अधिकारों का प्रतीक है।

(सीमा त्रिपाठी)
शिक्षिका साहित्यकार लेखिका

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments