
दीक्षांत समारोह को सामाजिक दृष्टि से सार्थक बनाने की पहल
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा और गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन के मार्गदर्शन में गोद लिए गए पाँच गाँवों के आंगनवाड़ी केंद्रों पर सोमवार से विशेष प्रतियोगिताओं की शुरुआत हुई। यह पहल विश्वविद्यालय के 44वें दीक्षांत समारोह को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने का प्रयास है। पिपराइच और पिपरौली ब्लॉक के भौआपार, ब्ववहारिया, खराईच खुर्द, रक्ष्वापार और मुरेरी खुर्द गाँव के कुल 13 आंगनवाड़ी केंद्रों में यह प्रतियोगिता कराई जा रही है। इसमें बच्चों की स्वच्छता, केंद्र की साफ-सफाई और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के समर्पण को परखा जाएगा। श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पाँच केंद्रों को राज्यपाल दीक्षांत समारोह में सम्मानित करेंगी। कार्यक्रम का पहला चरण पिपरौली ब्लॉक के भौआपार गाँव में हुआ। सुबह 8:30 बजे से शुरू हुए इस आयोजन में बच्चों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया। गृह विज्ञान विभाग की शोध छात्राओं के साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी सक्रिय सहभागिता की। इस अवसर पर प्रो. दिव्या रानी सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों और माताओं में स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक हैं। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि स्वच्छता और पोषण से जुड़ी गतिविधियाँ लगातार जारी रहेंगी।
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