Thursday, October 16, 2025
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बाबा भोलेनाथ त्याग,तपस्या, वात्सल्य और करुणा के हैं मूर्ति – आचार्य अजय शुक्ल

नगर के टीचर कालोनी में हुआ शिव महापुराण कथा का आयोजन

सलेमपुर/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। शिवपुराण में शिव को पंचदेवों में प्रधान ,अनादि सिद्ध परमेश्वर के स्वरूप में स्वीकार किया गया है, जो स्वयंभू, शाश्वत, सर्वोच्च सत्ता,विश्व चेतना और ब्रह्मांडीय अस्तित्व के आधार हैं।बाबा भोलेनाथ त्याग,तपस्या, वात्सल्य और करुणा के मूर्ति हैं। उक्त बातें नगर के सुगही वार्ड के टीचर कालोनी में शिवपुराण कथा का श्रोताओं को रसपान कराते हुए आचार्य अजय शुक्ल ने कहा। उन्होंने कहा कि पूरी सृष्टि की संरचना भगवान सदाशिव से हुई है। ब्रह्मा जी ने भी शिव से ही शक्ति प्राप्त कर एक पुरूष और स्त्री (स्वयंभू मनु और शतरूपा) को उत्पन्न किया। इस पुराण में भोलेनाथ की महिमा, लीला कथाओं, विभिन्न स्वरूपों, अवतारों और ज्योतिर्लिंगों का वर्णन किया गया है। कथा को आगे बढाते हुए आचार्य अजय शुक्ल ने कहा कि इस पुराण का पाठ या श्रवण करना सावन के पावन मास में विशेष फलदायक होता है। इसके श्रवण मात्र से ही भक्तों को लोक और परलोक में परम् सुख की प्राप्ति होती है और वह सारे कष्टों से पूर्णतः मुक्त हो जाता है। इस पुराण के सातों संहिता में पाठ के नियम ,विधि, और लाभों का विस्तृत वर्णन किया गया है। देवों में महादेव ही भक्तों का कष्ट शीघ्र दूर करने वाले देव हैं ।जलाभिषेक मात्र से ही जगत का कल्याण करते हैं जो मानव सच्चे मन से इनकी आराधना करते हैं उसका कभी भी अनिष्ट नही होता है। कथा के दौरान मंजू देवी,किरन देवी,प्रेमशीला देवी, शिवांगी पांडेय, गोविंद मिश्र, युगल किशोर ,मोहन आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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