
पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए आज का दिन निर्णायक साबित हो सकता है। आईआरसीटीसी टेंडर घोटाला मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट आज अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाने वाली है। यह मामला सीबीआई द्वारा दर्ज किया गया था, जिसमें कथित भ्रष्टाचार और अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
किस मामले में घिरे हैं लालू परिवार?
यह पूरा मामला उस वक्त का है जब लालू प्रसाद यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे। आईआरसीटीसी के दो होटलों (रांची और पुरी) के टेंडर आवंटन में अनियमितताओं का आरोप है। सीबीआई का दावा है कि नियमों को ताक पर रखकर इन टेंडरों को निजी कंपनियों को सौंपा गया और बदले में लालू परिवार को लाभ पहुंचाया गया।
इस मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनके पुत्र और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सहित कई अन्य को आरोपी बनाया गया है।
कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे आज (23 जुलाई) सुनाया जाएगा। अगर सीबीआई आरोपों को ट्रायल में साबित करने में सफल होती है, तो भारतीय दंड संहिता (IPC) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत दोषियों को अधिकतम सात वर्ष की सजा हो सकती है।
सियासी गलियारों में हलचल
इस फैसले पर सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि सियासी नजरें भी टिकी हुई हैं। चूंकि तेजस्वी यादव इस समय बिहार सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं, ऐसे में उनके खिलाफ कोई भी प्रतिकूल निर्णय राज्य की राजनीति में बड़ा भूचाल ला सकता है। राजद समर्थक जहां कोर्ट से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं, वहीं विरोधी दल इस फैसले के बहाने सियासी हमला तेज कर सकते हैं।
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