
सलेमपुर/देवरिया (राष्ट्र की परंपरा)। सलेमपुर कोतवाली परिसर सोमवार दोपहर उस समय राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बन गया, जब नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीराम यादव दर्जन भर कर्मचारियों और सभासदों के साथ थाने पहुंचकर धरने पर बैठ गए। अध्यक्ष ने पुलिस पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाते हुए नगर पंचायत के सम्मान को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया।
सूत्रों के अनुसार, नगर पंचायत द्वारा चलाए जा रहे सफाई शुल्क वसूली अभियान के तहत कुछ दिन पहले एक कर्मचारी ने स्थानीय दुकानदार राहुल मद्धेशिया से शुल्क मांगा था। इस पर दुकानदार ने क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए शुल्क देने से इनकार कर दिया। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक और गाली-गलौज तक की नौबत आ गई।
इसके बाद दुकानदार ने तहसील समाधान दिवस में एक लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए नगर पंचायत के एक कर्मचारी को थाने बुलाकर पूछताछ के नाम पर बैठा लिया। इस पर नगर पंचायत अध्यक्ष भड़क गए और इसे “न्याय प्रक्रिया की आड़ में एकतरफा कार्रवाई” बताते हुए धरने पर बैठ गए।
अध्यक्ष श्रीराम यादव ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा बिना समुचित जांच के नगर पंचायत कर्मी को थाने में बैठाना लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “हम जनता की सेवा कर रहे हैं, लेकिन पुलिस बिना सत्यता जाने कार्रवाई कर रही है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
प्रशासन के हस्तक्षेप से खत्म हुआ धरना
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप कर समझौता वार्ता की। आश्वासन मिलने के बाद नगर पंचायत अध्यक्ष व उनके समर्थकों ने धरना समाप्त किया।
विपक्ष और जनता में मिश्रित प्रतिक्रिया
इस पूरे घटनाक्रम पर क्षेत्रीय राजनीति भी गर्म हो गई है। कुछ लोगों ने नगर पंचायत की कार्रवाई को सही ठहराया, वहीं कुछ ने पुलिस की त्वरित जांच को न्यायोचित बताया।
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