July 6, 2025

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भारत ग्लोबल साउथ की अग्रणी आवाज़ के रूप में स्थापित होकर पश्चिम नेतृत्व वाली वैश्विक व्यवस्था क़ा विकल्प बनने की ओर?

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर आज भारत की रेपुटेशन ऐसी हो गई है कि, भारत जो बोलता या करता है, उसे दुनियाँ गंभीरता पूर्वक ध्यान देता हुआ सुनती है, जिसका सटीक उदाहरण भारतीय पीएम की 2 से 9 जुलाई 2025 तक 8 दिवसीय पांच देशों की यात्रा जिसमें घाना व त्रिनिदाद टोबैको की यात्रा पूरी कर अर्जेंटीना, ब्राज़ील व नामीबिया की ओर बढ़ रहे हैं, जिसमें ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में 17 वें ब्रिक्स लीडर्स समिट 5 से 8 जुलाई 2025 तक भाग लेंगे जिसमें वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा कर आतंकवाद पर अपना पक्ष दुनियाँ के सामने रखने का सबसे बढ़िया मौका है, जिसपर बड़े-बड़े विकसित देशों की नज़रें लगी हुई है।

मैं एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र, यह मानता हूं के जिस तेजी के साथ ग्लोबल साउथ के छोटे-छोटे देशों में जाकर जहां मूल भारतीयों की संख्या अधिक है उन देशों के नेताओं से रणनीतिक स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी सुरक्षाआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व जलवायु परिवर्तन सहित अनेकों रणनीतिक साझेदारी समझौते कर रहे हैं, जिससे पहला हमें हमारे विज़न 2047 में दूरगामी सकारात्मक परिणाम निकलने की संभावना है, दूसरा ग्लोबल साउथ में भारत का विश्वास बढ़कर नेतृत्व के लिए विश्वास में तब्दील होकर रहेगा, तब भारत ग्लोबल साउथ का नेतृत्व आवाज़ बनेगा इसलिए ही भारत उन देशों के साथ अपना जुड़ाव गहरा कर रहा है जो अक्सर वैश्विक निर्णय लेने में अपना कम प्रतिनिधित्व महसूस करते हैं। दिनांक 5 जुलाई 2025 को अर्ली मॉर्निंग तक हमारे पीएम के त्रिनिदाद टोबैको दौरे जिसमें करीब 40 परसेंट मूल भारतीय निवास करते हैं तथा वहां के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी मूल भारतीय ही हैं,उनका टीवी चैनलों के माध्यम से मैंनें अध्यन किया और इसके पूर्व घाना यात्रा पर भी बारीकी से पैनी नजर रख, विशेषण इस आर्टिकल के माध्यम से कर रहे हैं।चूँकि, भारत ग्लोबल साउथ का नेतृत्व करने की और बड़ा 1 वर्ष में ग्लोबल साउथ के 12 से अधिक दौरों का पैटर्न एक नए पश्चिमोंत्तर विश्व व्यवस्था का नेतृत्व करने की और है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे भारत ग्लोबल साउथ की अग्रणी आवाज के रूप में स्थापित होकर पश्चिमोंत्तर नेतृत्व वाली वैश्विक व्यवस्था का विकल्प बनेगा?
साथियों बात अगर हम भारतीय पीएम की 2 से 9 जुलाई 2025 तक 5 देश की यात्रा की करें तो,घाना के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने तथा निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, क्षमता निर्माण और विकास साझेदारी के क्षेत्रों में नए अवसर खोलने की आशा है। मोदी ने कहा, सहयोगी लोकतांत्रिक देशों के रूप में घाना की संसद में संबोधन मेरे लिए सम्मान की बात होगी। त्रिनिदाद-टोबैगो से ऐतिहासिक संबंध प्रधानमंत्री ने कहा, त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ भारत का ऐतिहासिक संबंध है। मैं राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू से मुलाकात करूंगा। मैं प्रधानमंत्री कमला प्रसाद- बिसेसर से भी मिलूंगा, जिन्होंने हाल ही में दूसरे कार्यकाल के लिए पदभार ग्रहण किया है। अर्जेंटीना में 57 वर्षों में पहले भारतीय पीएम प्रधानमंत्री ने कहा, अर्जेंटीना में 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। अर्जेंटीना लैटिन अमेरिका में एक प्रमुख आर्थिक भागीदार और जी-20 संगठन में एक करीबी सहयोगी है। मैं राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ मुलाकात के लिए उत्सुक हूं, जिनसे मुझे पिछले वर्ष मिलने का सौभाग्य भी मिला था। हम कृषि, दुर्लभ खनिज, ऊर्जा, व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी और निवेश के क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। रियो में ब्रिक्स में लेंगे हिस्सा पीएम ने कहा कि वह 6-7 जुलाई को रियो डी जनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। एक संस्थापक सदस्य के रूप में भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में ब्रिक्स के लिए प्रतिबद्ध है। हम साथ मिलकर अधिक शांतिपूर्ण, न्यायसंगत,निष्पक्ष, लोकतांत्रिक और संतुलित बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के लिए प्रयास करते हैं। शिखर सम्मेलन के अवसर पर कई वैश्विक नेताओं से भी भेंट होगी। इसके बाद द्विपक्षीय यात्रा के लिए वे ब्राजीलिया जाएंगे, जहां राष्ट्रपति लुइज इनासिओ लूला दा सिल्वा के साथ ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने पर बात होगी। नामीबिया एक विश्वसनीय भागीदार प्रधानमंत्री ने कहा, नामीबिया एक विश्वसनीय भागीदार देश है, जिसके साथ हम उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष का एक साझा इतिहास साझा करते हैं। वे राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह से मिलने के लिए उत्सुक हैं तथा नामीबि याई संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करना भी उनके लिए सौभाग्य की बात होगी।
साथियों बात अगर हम ग्लोबल साउथ व ग्लोबल नॉर्थ को समझने की करें तो, क्या है ग्लोबल साउथ?-आर्थिक और सामाजिक विकास के आधार पर दुनिया को दो हिस्सों में बांटा गया है. एक है- ग्लोबल नॉर्थ और दूसरा- ग्लोबल साउथ (1) ग्लोबल नॉर्थ में अमेरिका, जापान, कोरिया, यूरोपीय देश जैसे दुनिया के विकसित और समृद्ध देश शामिल हैं (2)जबकि, ग्लोबल साउथ में आर्थिक और सामाजिक विकास के आधार पर कम विकसित या विकासशील देश हैं. इसमें लैटिन अमेरिका, अफ्रीका,एशिया और ओशिनिया के देश हैं।ग्लोबल साउथ में कितने देश हैं? (1)ग्लोबल साउथ में लगभग 100 देश आते हैं।ग्लोबल साउथ और ग्लोबल नॉर्थ में क्या अंतर? (1) ग्लोबल साउथ और ग्लोबल नॉर्थ का इस्तेमाल सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक आधार पर दुनिया के देशों को बंटवारा करने के लिए किया जाता है।(2) ग्लोबल साउथ एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल अक्सर लैटिन अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और ओशिनिया के देशों की पहचान करने के लिए किया जाता है (3) ग्लोबल साउथ में विकासशील या कम विकसित देश हैं, जिन्हें पहले ‘तीसरी दुनिया’ या ‘पूर्वी दुनिया’ कहा जाता था,(4)वहीं, ग्लोबल नॉर्थ के हिस्से में उत्तरी अमेरिका और यूरोपीय देशों को देखा जाता है जो विकसित हैं, जहां बुनियादी ढांचा मजबूत है, औद्योगिक विकास है।
साथियों बात कर हम माननीय पीएम के बाकी बचे चौथे और पांचवें चरण की करें तो, अपनी यात्रा के चौथे चरण में प्रधानमंत्री 5 से 8 जुलाई तक ब्राजील जाएंगे। यहां वे 17 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2025 में भाग लेंगे। इसके बाद वे ब्राजील की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। प्रधानमंत्री की यह चौथी ब्राजील की यात्रा होगी। 17 वां ब्रिक्स लीडर्स समिट रियो डी जनेरियो में होगा। शिखर सम्मेलन के दौरान, हमारे पीएम वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा करेंगे।आतंकवाद पर भारत को अपना पक्ष दुनिया के सामने रखने का यह एक बेहतर मौका है। इनके अलावा वैश्विक शासन में सुधार, शांति और सुरक्षा, बहुपक्षवाद को मजबूत करना,आर्टिफि शियल इंटेलिजेंस का जिम्मेदारी से उपयोग, जलवायु कार्रवाई, वैश्विक स्वास्थ्य और आर्थिक और वित्तीय मामले भी शामिल रहेंगे। शिखर सम्मेलन के दौरान उनकी कई द्विपक्षीय बैठकें होने की संभावना है।राजकीय यात्रा के लिए प्रधानमंत्री वहां वे राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, कृषि और स्वास्थ्य जैसे आपसी हित के क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने पर चर्चा करेंगे। ब्राजील, दक्षिण अमेरिका में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। अपनी यात्रा के अंतिम चरण में पीएम 9 जुलाई को नामीबिया जाएंगे। यह पीएम की पहली नामीबिया यात्रा होगी। भारत से नामीबिया की यह तीसरी प्रधानमंत्री स्तरीय यात्रा है। अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री राष्ट्रपति न्देमुपेलिला नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वे नामीबिया की संसद को भी संबोधित करेंगे। हाल के वर्षों में भारत और नामीबिया के बीच व्यापार बढ़ा है। 2000 में यह 3 मिलियन डॉलर से भी कम था जो अब लगभग 600 मिलियन डॉलर हो गया है। भारतीय कंपनियों ने नामीबिया में खनन, विनिर्माण, हीरा प्रसंस्करण और सेवा क्षेत्रों में निवेश किया है। सितंबर 2022 में नामीबिया से भारत आए आठ चीतों को पीएम ने मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा था। यह दुनिया में किसी बड़े मांसाहारी प्रजाति का पहला अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण था। इन दिनों रेयर अर्थ मेटल पर चीन की पाबंदियों के चलते पूरी दुनिया परेशान है। ऐसे में पीएम की यह नामीबिया यात्रा भारत के इस संकट को दूर करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।पीएम की इस पांच देशों की यात्रा से भारत को अनेकों लाभ मिलने की उम्मीद है इस यात्रा से वैश्विक राजनीति में भारत की भूमिका में कोई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेगा?
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे किभारत ग्लोबल साउथ की अग्रणी आवाज़ के रूप में स्थापित होकर,पश्चिम नेतृत्व वाली वैश्विक व्यवस्था क़ा विकल्प बनने की ओर?भारत उन देशों से जुड़ाव को गहरा कर रहा है जो अक्सर वैश्विक निर्णय लेने में,अपना कम प्रतिनिधित्व महसूस करते हैं।क्या भारत ग्लोबल साउथ का नेतृत्व करने की और बढ़ा? 1 वर्ष में ग्लोबल साउथ के 12 से अधिक दौरों का पैटर्न, एक नए पश्चिमोंत्तर विश्व व्यवस्था का नेतृत्व करने की ओर?

-संकलनकर्ता लेखक – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र