November 23, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

एस विभाग मनपा ने पवई के जयभीम नगर में 600 परिवारों को बरसात में किया बेघर

बेघरों को अस्थाई आश्रय प्रदान करें सरकार…..कांग्रेस के पूर्व स्थानीय विधायक नसीम खान ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की मांग

मुंबई(राष्ट्र की परम्परा)
मुंबई में मानसून के दौरान बिल्डर के इशारे पर एस विभाग मनपा द्वारा पवई के जय भीम नगर में 600 परिवारों का 30 वर्ष पुराना घर तोड़कर उन्हें बेघर कर दिया गया है। जिसकी वजह से मजबूर होकर नागरिक फुटपाथ पर रह रहे हैं। इस झोपड़पट्टी में रहने वाले सभी नागरिक निम्न वर्ग के हैं और मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं।
पूर्व मंत्री और महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने मांग की है कि सरकार उन 600 पिछड़े वर्ग के परिवारों को अस्थायी आश्रय प्रदान करे, जो जयभीम नगर, पवई में अपने घर तोड़ने के बाद बेघर हो गए हैं।
इस संबंध में नसीम खान ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को पत्र लिखा है. अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि 6 जून को सुबह 10 बजे मनपा के एस विभाग के अधिकारी, पवई पुलिस स्टेशन के अधिकारी कर्मचारी व स्थानीय विकासक ने पुलिस बल का उपयोग करके हीरानंदानी पवई में 600 पिछड़े वर्ग के परिवारों के घरों को अवैध रूप से ध्वस्त कर दिया। इसके चलते मानसून सत्र से पहले ही हजारों लोग बेघर हो गए हैं। इसमें महिलाएं, छात्र और बच्चे भी शामिल हैं.

बता दे कि यह नागरिक यहां पर पिछले 30 वर्षों से रह रहे थे । चूंकि उनके पास कोई वैकल्पिक आवास नहीं है, इसलिए ये सभी लोग अनिच्छा से फुटपाथ पर जहां भी जगह मिल रही है, वहां रह रहे हैं। मानसून शुरू होने के कारण उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही मानसून में महामारी वाली बीमारियों के कारण इन लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा पैदा हो गया है।

इन निवासियों ने अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील दायर की है और यह मामला अदालत में विचाराधीन है।  इसकी सुनवाई मंगलवार 25 जून को है.   इस मामले में आरिफ  नसीम खान और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले समेत क्षेत्रवासियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की थी और उनसे इस मामले पर गौर करने की मांग की है.  नसीम खान ने मांग की है कि उपरोक्त सभी परिस्थितियों को देखते हुए और मानवीय दृष्टिकोण से इन 600 परिवारों को एक ही स्थान पर समायोजित किया जाना चाहिए।