Thursday, November 13, 2025
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वन्देमातरम् के 150 वर्ष: डीवीएन पीजी कॉलेज में एनएसएस ने किया भव्य आयोजन

गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)। दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज में राष्ट्रगीत वन्देमातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की चारों इकाइयों ने एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। महाविद्यालय परिसर में हुए इस समारोह ने राष्ट्र भावना, सांस्कृतिक चेतना और देशभक्ति की ऊर्जा से वातावरण को सराबोर कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. ओम प्रकाश सिंह ने की, जबकि संचालन डॉ. निधि राय ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगीत वन्देमातरम् के सामूहिक गायन से हुई। एनएसएस स्वयंसेवक, छात्र-छात्राएँ और सभी संकाय सदस्य उत्साहपूर्वक एक स्वर में राष्ट्रगीत गाकर राष्ट्रीय एकता और सम्मान का संदेश दे रहे थे। सामूहिक उच्चारण के दौरान परिसर में एक गरिमामय और ऐतिहासिक वातावरण बना रहा।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य डॉ. ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि वन्देमातरम् केवल गीत नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा है। इस गीत ने अनगिनत क्रांतिकारियों को प्रेरित किया। इसके 150 वर्ष पूर्ण होने पर हमें राष्ट्र, संस्कृति और संविधान की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए।
मुख्य वक्ता शिक्षा शास्त्र विभाग के आचार्य डॉ. त्रिभुवन मिश्रा ने बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित इस गीत की साहित्यिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्ता पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह गीत स्वतंत्रता आंदोलन में देशभक्ति की लौ जलाने का साधन बना और आज भी युवाओं को राष्ट्र प्रेम के लिए प्रेरित करता है।
एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारियों ने भी स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए सामाजिक उत्तरदायित्व, पर्यावरण संरक्षण, जनसेवा और सामुदायिक सहभागिता में एनएसएस की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एनएसएस सिर्फ कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज के प्रति सेवा और जागरूकता का सशक्त माध्यम है।
इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने राष्ट्र निर्माण पर आधारित पोस्टर, नारे और देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में विद्यार्थियों को सामाजिक समरसता, नैतिक मूल्यों और राष्ट्र सेवा के प्रति जागरूक करने पर विशेष जोर दिया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. निधि राय ने सुसंगत और गरिमापूर्ण ढंग से किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र भावना जागृत करना शिक्षा संस्थानों की प्रमुख जिम्मेदारी है और वन्देमातरम् का सामूहिक गायन इस उद्देश्य को मजबूत करता है।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी विभागों के प्राध्यापक, छात्र-छात्राएँ एवं एनएसएस स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

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