विजेताओं को मिला सम्मान

संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार, बाबू जगजीवन राम फाउंडेशन, नई दिल्ली और एकलव्य चैरिटेबल एंड एजुकेशनल ट्रस्ट, मगहर के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय होटल के सभागार में संत अय्यंकाली जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक, छात्र-छात्राएँ और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं संत अय्यंकाली के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। इसके उपरांत विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देकर सभी को भावविभोर कर दिया। साथ ही वाद-विवाद, भाषण, निबंध, चित्रकला, नृत्य और नुक्कड़ नाटक जैसी प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं, जिनमें सात विद्यालयों के बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
निबंध प्रतियोगिता में विशाखा गौड़ ने प्रथम, शिवम यादव ने द्वितीय और शिधि उपाध्यक्ष ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। चित्रकला प्रतियोगिता में अंशा आफाक प्रथम, भोलू जायसवाल द्वितीय और नाज़िया अंसारी तृतीय स्थान पर रहीं। विजेताओं को शील्ड और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया, वहीं अन्य प्रतिभागियों को भी प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
मुख्य अतिथि महंत विचार दास ने कहा कि संत अय्यंकाली सदैव दलित समाज के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं। उन्होंने शिक्षा को समाज सुधार का सबसे सशक्त माध्यम माना और अपना पूरा जीवन वंचितों एवं पिछड़े तबके को समान अवसर दिलाने के लिए समर्पित किया।
विशिष्ट अतिथि डॉ. सुधांशु अरुणाभ मिश्रा ने संत अय्यंकाली के जीवन और योगदान पर प्रकाश डाला। वहीं अमरनाथ यादव, अत्रेश श्रीवास्तव और ई. अरुण गुप्ता ने भी अपने विचार व्यक्त किए। निर्णायक मंडल में अरविंद दास, जुबेर अहमद, नसीम अहमद और धर्मेंद्र गौड़ शामिल रहे।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्य ट्रस्टी गौरव निषाद ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों, शिक्षकों और आयोजकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट आगे भी ऐसे आयोजन करता रहेगा, ताकि नई पीढ़ी संत अय्यंकाली के आदर्शों और विचारों से प्रेरणा प्राप्त कर सके।