महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। परतावल विकासखंड में यूरिया खाद की किल्लत ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अस्पताल रोड स्थित इफको केंद्र (सीएचसी के समीप) पर यूरिया पाने के लिए किसान सुबह से ही लंबी कतार में खड़े हैं। किसान बताते हैं कि सुबह करीब चार बजे से ही कड़ाके की ठंड में लाइन लगानी पड़ रही है, लेकिन इसके बावजूद कई किसानों को समय पर खाद नसीब नहीं हो पा रही।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्र पर यूरिया लेने के लिए किसानों को जबरन कृषि दवाएं खरीदने को मजबूर किया जा रहा है। जो किसान दवा लेने से इनकार करता है, उसे यूरिया देने से साफ मना कर दिया जाता है। ग्रामीणों ने इसे खुलेआम आर्थिक शोषण करार दिया है। सरकार की ओर से पर्याप्त यूरिया उपलब्ध कराने और पारदर्शी वितरण के दावे यहां जमीन पर पूरी तरह खोखले साबित हो रहे हैं।
किसान घंटों लाइन में खड़े होने के बावजूद खाली हाथ लौटने को मजबूर हैं, जिससे उनका आक्रोश बढ़ता जा रहा है। रबी फसल के इस अहम समय में खाद न मिलने से उनकी खेती पर गंभीर संकट मंडराने लगा है। किसानों का कहना है कि यूरिया और अन्य आवश्यक कृषि सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित न होने से उनकी मेहनत पर पानी फिर सकता है।
किसानों ने जिला प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि केंद्रों पर जबरन दवा बिक्री पर सख्त रोक लगाई जाए, और खाद की सुचारु आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। इस मुद्दे ने एक बार फिर खाद वितरण व्यवस्था और निगरानी तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उचित कदम न उठाए जाने पर वे बड़े पैमाने पर आंदोलन की भी चेतावनी दे सकते हैं।
यूरिया संकट ने परतावल के किसानों की परेशानी को चरम पर पहुंचा दिया है, और प्रशासन की सक्रियता अब इस समस्या का हल तय करेगी।
यूरिया के नाम पर शोषण! परतावल में तड़के से लाइन, खाद के साथ जबरन दवा थमाने का आरोप
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