Thursday, December 4, 2025
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निजी अस्पताल आदेश: 1400 डॉक्टरों और 300 अस्पतालों के लिए सख्त नियम लागू, नहीं माना तो होगी कार्रवाई; मरीज भी जानें नए नियम

मेरठ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। मेरठ निजी अस्पताल आदेश को लेकर बुधवार को सीएमओ कार्यालय ने बड़ा कदम उठाया है। जिले के करीब 1400 निजी डॉक्टरों और 300 से अधिक पंजीकृत अस्पतालों के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। नए दिशानिर्देशों का पालन न करने पर अस्पताल का पंजीकरण निरस्त किया जा सकता है और संबंधित डॉक्टर पर कानूनी कार्रवाई भी होगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कटारिया ने कहा कि कोई भी अस्पताल मरीज को अपनी ही मेडिकल दुकान से दवा लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। अस्पताल के भीतर और बाहर स्पष्ट रूप से यह बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा कि—“मरीज अपनी मर्जी से किसी भी दुकान से दवा ले सकता है।” एक्सपायरी या निकट एक्सपायरी दवाओं का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है।

अस्पतालों में बाहरी दलालों और एंबुलेंस चालकों की दलाली को भी सख्ती से रोका जाएगा। सभी निजी अस्पतालों को प्रवेश द्वार पर पीला बोर्ड लगाना होगा, जिसमें काले अक्षरों से अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नंबर, संचालक का नाम, बेड संख्या, उपलब्ध सेवाएं और डॉक्टर-नर्सों की सूची लिखी हो।

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रेफर सिस्टम में लापरवाही पर सीधी कार्रवाई होगी। गंभीर मरीज को तुरंत हायर सेंटर रेफर करना होगा और अनावश्यक भर्ती कर पैसे वसूलने पर कड़ी सज़ा होगी। इसके अलावा हर मरीज का रिकॉर्ड अपडेट रखना अनिवार्य किया गया है, जिसमें इलाज करने वाले डॉक्टर की मुहर और हस्ताक्षर हों।

सीएमओ ने कहा कि सभी अस्पताल मुख्य द्वार पर सेवाओं और ऑपरेशन की अनुमानित रेट लिस्ट चस्पा करेंगे। बिना रेट लिस्ट के अस्पताल चलाने पर कार्रवाई निश्चित है।
साथ ही, आयुष्मान भारत योजना के मरीजों का इलाज पूरी तरह निशुल्क और बिना किसी परेशानी के किया जाना अनिवार्य है। साफ-सफाई, पार्किंग और संक्रमण नियंत्रण से जुड़े मानकों का पालन भी सुनिश्चित करना होगा।

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मेरठ निजी अस्पताल आदेश का उद्देश्य जिला स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और मरीज-अनुकूल व्यवस्था को मजबूत करना है।

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