नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा)। भारतीय रेलवे की दिग्गज इंजीनियरिंग और कंसल्टेंसी कंपनी राइट्स लिमिटेड (RITES Ltd) ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में बड़ी सफलता हासिल की है। कंपनी को दक्षिण अफ्रीका से डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की सप्लाई के लिए करीब 318 करोड़ रुपये (35.2 मिलियन डॉलर) का बड़ा ऑर्डर मिला है। इस खबर के सामने आते ही मंगलवार को शेयर बाजार में RITES के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला।
राइट्स लिमिटेड, रेल मंत्रालय के अधीन एक नवरत्न (Navratna) सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, जो भारत समेत विदेशों में रेलवे, हाईवे, एयरपोर्ट और अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में कंसल्टेंसी और इंजीनियरिंग सेवाएं देती है। यह ऑर्डर न सिर्फ कंपनी के लिए बड़ी वित्तीय उपलब्धि है, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और भारतीय रेलवे तकनीक की वैश्विक पहचान को भी मजबूत करता है।
BSE को दी जानकारी, 18 महीनों में पूरा होगा प्रोजेक्ट
कंपनी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को दी गई सूचना में बताया कि उसे दक्षिण अफ्रीकी कंपनी Ndalama Capital (Pty) Ltd से लेटर ऑफ अवार्ड (LoA) मिला है। इस कॉन्ट्रैक्ट की कुल वैल्यू 35.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 315.7 करोड़ रुपये) है।
इस परियोजना के तहत राइट्स लिमिटेड को इन-सर्विस डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्स की सप्लाई और कमिशनिंग करनी होगी, जिसे 18 महीनों के भीतर पूरा किया जाना है। कंपनी ने इसे रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर और द्विपक्षीय रेल सहयोग के लिहाज से अहम कदम बताया है।
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शेयर बाजार में दिखा जबरदस्त उत्साह
मंगलवार (23 दिसंबर) को ऑर्डर की खबर के बाद निवेशकों में भारी उत्साह देखने को मिला। BSE और NSE पर RITES का शेयर 8% से ज्यादा उछल गया।दोपहर के कारोबार में शेयर ₹14.02 या 6.03% की तेजी के साथ ₹246.62 के स्तर पर ट्रेड करता नजर आया। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि मजबूत अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर बुक कंपनी के भविष्य के राजस्व के लिए सकारात्मक संकेत है।
अफ्रीका में बढ़ता RITES का दबदबा
यह ऑर्डर अफ्रीकी महाद्वीप में राइट्स लिमिटेड की बढ़ती मौजूदगी को दर्शाता है। हाल ही में कंपनी ने बोत्सवाना के साथ रेलवे और ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण के लिए MoU पर हस्ताक्षर किए थे। इससे पहले मोजाम्बिक और अब दक्षिण अफ्रीका से मिले ऑर्डर भारतीय रेलवे तकनीक की वैश्विक स्वीकार्यता को साबित करते हैं।
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दक्षिण अफ्रीका से मिला यह बड़ा ऑर्डर न केवल RITES की ग्लोबल ऑर्डर बुक को मजबूत करेगा, बल्कि भारतीय PSU कंपनियों की अंतरराष्ट्रीय क्षमता को भी उजागर करेगा। अब निवेशकों की नजर कंपनी के प्रोजेक्ट एग्जीक्यूशन और भविष्य में मिलने वाले नए विदेशी करारों पर टिकी हुई है।
