सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)।ग्राम पंचायत निजामाबाद के एक युवक द्वारा जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी अब विवादों में घिर गई है। एक वर्ष तक सूचना न मिलने पर युवक ने ऑनलाइन आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि निस्तारण रिपोर्ट में शिकायतकर्ता को ही आरोपी बना दिया गया।ग्रामीण क्षेत्र सलेमपुर ब्लॉक के निजामाबाद निवासी आमिर खान पुत्र नियाजुद्दीन ने ग्राम सचिव से सूचना मांगने के लिए कई बार पत्र लिखे, परंतु कोई जवाब नहीं मिला। अंततः उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से शिकायत दर्ज कर दी। कुछ ही दिनों में मामला “निस्तारित” दिखा दिया गया। रिपोर्ट में न केवल यह लिखा गया कि आमिर खान ने कोई सूचना कभी मांगी ही नहीं, बल्कि उन पर ग्रामीणों को भड़काने और धन उगाही जैसे गंभीर आरोप लगा दिए गए।पत्र के अनुसार, यह रिपोर्ट सहायक विकास अधिकारी (सलेमपुर-देवरिया) द्वारा जिला पंचायतराज अधिकारी देवरिया को भेजी गई थी, जिसमें लिखा गया है कि आमिर खान ने अब तक कोई सूचना नहीं मांगी और वे ग्राम पंचायत में भ्रम फैलाकर योजनाओं में बाधा डाल रहे हैं। यही रिपोर्ट आईजीआरएस पोर्टल पर निस्तारण का आधार बना दी गई।उधर, शिकायतकर्ता आमिर खान ने इसका खंडन किया है। उनका कहना है कि उन्होंने एक वर्ष से लगातार सूचना मांगी है, जिसका स्पष्ट प्रमाण उनके पास मौजूद है। आमिर द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि स्वयं सहायक विकास अधिकारी कार्यालय कर्मियों से सूचना तैयार करने की बात कह रहे हैं। यह वीडियो इस बात की पुष्टि करता है कि सूचना वास्तव में मांगी गई थी।आमिर खान का कहना है कि ऐसे फर्जी निस्तारण से न केवल सूचना के अधिकार का उल्लंघन हुआ है, बल्कि सरकारी पोर्टल की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न उठता है। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि निस्तारण रिपोर्ट की निष्पक्ष जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यदि किसी साधारण व्यक्ति की वैध शिकायत को उलटा उसी पर दोष मढ़कर बंद किया जाने लगे, तो आम जनता का शासन-प्रशासन पर भरोसा कमजोर पड़ जाएगा।
“क्रॉफर्ड मार्केट की रात में आग का कहर: चमकते सपनों के बीच उठी लपटों की आह”