पटना(राष्ट्र की परम्परा)
शिक्षा विभाग द्वारा जारी अवकाश तालिका के अनुसार वर्तमान में राज्य में 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक शीतकालीन अवकाश घोषित है। ऐसे समय में शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाना पूरी तरह से अनुचित एवं अव्यवहारिक है।यह बातें परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ, बिहार के प्रदेश मीडिया प्रभारी मृत्युंजय ठाकुर ने कही।
उन्होंने कहा कि अवकाश का उद्देश्य शिक्षकों को शारीरिक-मानसिक विश्राम प्रदान करना होता है, ताकि वे पुनः नई ऊर्जा के साथ शैक्षणिक कार्यों में योगदान दे सकें। अवकाश के दौरान प्रशिक्षण आयोजित करना न केवल अवकाश नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इससे शिक्षकों में असंतोष भी उत्पन्न हो रहा है।
परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ, बिहार ने इस निर्णय पर कड़ी आपत्ति जताते हुए राज्य के माननीय शिक्षा मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग से शीतकालीन अवकाश की अवधि में प्रस्तावित सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने की मांग की है।
मृत्युंजय ठाकुर ने कहा कि यदि प्रशिक्षण आवश्यक है तो उसे विद्यालयी कार्य दिवसों में, पूर्व सूचना एवं शिक्षकों की सहमति के साथ आयोजित किया जाना चाहिए, ताकि शिक्षण व्यवस्था एवं शिक्षक कल्याण दोनों संतुलित रह सकें।
महासंघ ने स्पष्ट किया कि वह शिक्षा की गुणवत्ता के पक्ष में है, लेकिन शिक्षकों के अधिकारों एवं नियमों की अनदेखी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी।
अवकाश के दौरान शिक्षकों को प्रशिक्षण हेतु भेजना अनुचित- मृत्युंजय ठाकुर
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