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देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)
संत बिनोवा पीजी महाविद्यालय, देवरिया के प्राचार्य प्रोफेसर अर्जुन मिश्र की अध्यक्षता, कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर चंद्रेश कुमार बारी और डॉक्टर कृष्ण मुरारी गुप्त के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय सेवा योजना देवरिया नोडल अधिकारी डॉ विवेक मिश्र थे। डॉक्टर विवेक मिश्र जिला नोडल राष्ट्रीय सेवा योजना देवरिया के जिला नोडल अधिकारी डाॅ०विवेक मिश्र ने स्वयंसेवको के सम्बोधित करते हुए कहा की, स्वामी विवेकानंद का वक्तव्य उठो जागो और लक्ष्य की ओर बढ़ते रहो आज के संदर्भ में युवाओं के लिए और भी प्रासंगिक हो जाता है जब युवाओं के विचलन के लिए तमाम संसाधन मौजूद हो। आज युवाओं को अपने शारीरिक और मानसिक रूप से ऊर्जावान बनना होगा, तभी राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं। डॉ विवेक मिश्र ने कहा प्रत्येक व्यक्ति को तर्कशील और स्वस्थ मस्तिष्क से ओतप्रोत होना चाहिए। जिससे व्यक्ति को विभिन्न सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पूर्वाग्रहों से दूर किया जा सके और स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके। आज भारत में सांप्रदायिकता ,जातिवाद जैसी तमाम समस्याएं भारतीय विकास के मार्ग में बाधा के रूप में खड़ी है, इन्हें दूर करने के लिए व्यक्ति को तर्कशील होना अपरिहार्य है। प्रत्येक स्वयंसेवक को अपने आसपास के वातावरण में व्यक्ति को तार्किक होने के लिए प्रेरित करना चाहिए और स्वयं तार्किक मानव के रूप में होना चाहिए।
डॉक्टर विवेक मिश्र ने स्वामी विवेकानंद के धर्म के बारे में बताया। उन्होंने कहा, स्वामी विवेकानंद धर्म को मानव धर्म के रूप में मानते थे । विकास के अंतिम छोर पर खड़ा व्यक्ति अर्थात् निर्धन व्यक्ति का विकास होना सर्वोच्च मानव धर्म है अतः सदैव मानव मात्र के विकास को ही अपना सर्वोच्च उद्देश्य के रूप में अपनाना चाहिए। प्रोफेसर अशोक सिंह समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष ने भारतीय सनातन संस्कृति और धर्म को वेदांत दर्शन से जोड़ करके स्वामी विवेकानंद को युवाओं का प्रेरणा स्रोत बताया। प्रोफेसर अशोक सिंह ने कहा ईश्वर प्रत्येक कण-कण में विद्यमान है प्रत्येक व्यक्ति को तर्कशील होकर अपने राष्ट्र के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए।गोष्ठी का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ चंद्रेश बारी ने किया। उन्होंने कार्यक्रम का परिचय देते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद ने किसी भी राष्ट्र के निर्माण में युवाओं की भूमिका को मुख्य मुख्य माना गया है। देश में युवा रिपोर्ट 2022 भारत सरकार के अनुसार भारत में युवा वर्ग कुल आबादी का 29 प्रतिशत है। युवा ही सृजनात्मकता, ईमानदारी, नैतिकता और उत्साह के केंद्र बिंदु होते हैं। कोई भी देश बिना युवाओं के अपने विकास की चरम परिणति तक नहीं पहुंच सकता है। देश में अनेक चुनौतियां जैसे जातिवाद ,क्षेत्रवाद, भ्रष्टाचार नक्सलवाद, आतंकवाद आदि राष्ट्र निर्माण में प्रमुख रूप से बाधक बनी हुई है। युवाओं की भूमिका इनके निवारण में अग्रणी हो सकती है।
कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर कृष्ण मुरारी गुप्त ने कहा राष्ट्र निर्माण में युवाओं को अपनी अग्रणी भूमिका निभानी पड़ेगी। राष्ट्र का विकास युवाओं से ही होकर गुजरता है। प्रत्येक राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को अपने आसपास के लोगों और उनकी समस्याओं के निवारण में एक प्रेरक की भूमिका निभानी चाहिए।
संगोष्ठी को राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेवकों ने भी संबोधित किया। जिसमें रश्मि मद्धेशिया, श्वेता तिवारी, अंतिमा मद्धेशिया आदि मुख्य थी। इन लोगों ने समय विवेकानंद को ही अपना युवा प्रेरणा स्रोत बताएं।
कार्यक्रम में वंदना शर्मा, रश्मि मिश्र , वंदना वर्मा, कन्हैया चौहान, राहुल गोंड, दानिश अजहर, अंबुज यादव आदि उपास्थित रहे।
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