
आगरा(राष्ट्र की परम्परा)
योग के विभिन्न रूपों से हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को अलग-अलग तरीकों से लाभ मिलता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को इस अनूठी कला का आनंद लेने के लिए मनाया जाता है।
फ़िल्म मेकर सावन चौहान ने सभी को योग दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए संवाददाता वार्ता में बताया कि शरीर और मन को तरोताजा करने, उनकी खोई हुई शक्ति की पूर्ति कर देने और आध्यात्मिक लाभ की दृष्टि से भी योगासनों का अपना महत्व हैं। योग भारतीय प्राचीन परंपरा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है,जोकि शारीरिक क्षमताओं और आत्मविश्वास को मजबूत बनाता है।योगा ऐसी व्यायाम पद्धति है, जिसमें न तो कुछ विशेष व्यय होता है और न इतनी साधन-सामग्री की आवश्यकता होती है। योगा अमीर-गरीब, बूढ़े-जवान, सबल-निर्बल सभी स्त्री-पुरुष कर सकते हैं। आसनों में जहां मांसपेशियों को तानने, सिकोड़ने और ऐंठने वाली क्रियायें करनी पड़ती हैं। वहीं दूसरी ओर साथ-साथ तनाव-खिंचाव दूर करने वाली क्रियायें भी होती रहती हैं, जिससे शरीर की थकान मिट जाती है और आसनों से व्यय शक्ति वापिस मिल जाती है।
चौहान ने बताया कि योगाभ्यास के बहुत सारे लाभ है। नियमित रूप से योग करने से हमारे शरीर की लचक बनी रहती है और योग के अलग-अलग आसन का प्रभाव शरीर के अलग-अलग अंगों पर पड़ता है।अतः प्रातः काल प्रतिदिन योग करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। शरीर के स्वस्थ रहने से विचार करने की क्षमता एवं मन भी प्रसन्न रहता है। युवाओं के लिए तो योग करना अत्यंत आवश्यक है। योग करने से युवाओं की एकाग्रता भी बढ़ती है। जो लोग कहीं नौकरी करते हैं या दिनभर एक ही जगह पर बैठे रहते हैं और कोई व्यायाम नहीं कर पाते हैं, ऐसे लोग प्रातः काल या जब भी उचित समय मिले नियमित रूप से योगाभ्यास के माध्यम से अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। योग भारतीय प्राचीन परंपराओं में से एक है, जिसे भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 जून 2015 को वैस्विक स्तर पर मान्यता दिलाई और 193 देशों ने इसे स्वीकार किया। विश्व योग दिवस को दुनिया भर के अन्य देशों ने भी समान और उत्साह के साथ मनाया जाता हैं। इस अवसर पर मोदी और योगी के सपने को साकार करने हेतु सभी को नितप्रति योगाभ्यास करने का संकल्प लेना चाहिए।
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