October 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

योग केवल क्रिया नहीं, बल्कि एक साधना है: प्रो. पूनम टण्डन

विश्वविद्यालय के द्वारा आगामी योग दिवस का थीम होगा योगा फॉर वुमन: प्रो. पूनम टण्डन

शोधपीठ में सप्त दिवसीय योग कार्यशाला संपन्न

जब तक वैचारिक शुद्धता नहीं होगी तब तक कोई किसी को योग नहीं सिखा सकता: प्रो. दिनेश कुमार सिंह

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय स्थित महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ द्वारा कुलपति प्रो. पूनम टण्डन के संरक्षण में चल रहे सप्तदिवसीय ग्रीष्मकालीन कार्यशाला ’योग एवं आजीविका’ सातवें एवं अंतिम दिन सम्पन्न हो गया। कार्यशाला के अंतिम दिन भी सुबह डा. विनय कुमार मल्ल के द्वारा योग प्रशिक्षण दिया गया। उसके बाद 10 बजे मुख्य वक्ता प्राणि विज्ञान के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. दिनेश कुमार सिंह द्वारा योग एवं मानव जीवन विषय पर व्याख्यान दिया गया। उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि मानव जीवन के तीन आयाम है शरीर, मन एवं आत्मा। इन तीनों से योग जुड़ा हुआ है। जब तक वैचारिक शुद्धता नहीं होगी तब तक कोई किसी को योग नहीं सिखा सकता। उन्होंने यम एवं नियम के महत्त्व पर विशेष जोर दिया।
समापन समारोह का शुभारम्भ कुलपति प्रो. पुनम टण्डन के द्वारा गुरु गोरक्षनाथ के चित्र पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इसके बाद माननीय कुलपति प्रो. पूनम टंडन एवं अधिष्ठाता, छात्र कल्याण प्रो. अनुभूति दुबे के स्वागत के साथ शोधपीठ के उप निदेशक डॉ. कुशलनाथ मिश्र जी द्वारा कार्यशाला का विवरण प्रस्तुत किया गया। योग के बच्चों द्वारा योगासनों की मनमोहक प्रस्तुति की गई। प्रो. अनुभूति दुबे ने बच्चों के प्रयास की सराहना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पूनम टण्डन ने कहा कि योग केवल क्रिया नहीं है, बल्कि एक साधना है। पूरे विश्व में योग को मान्यता दी गयी है। उन्होंने घोषणा किया कि आगामी 21 जून को विश्वविद्यालय में योग दिवस भव्य तरीके से मनाया जाएगा। इस बार विश्वविद्यालय के तरफ से योग दिवस का थीम योगा फॉर वुमन होगा।
कार्यक्रम का संचालन शोधपीठ की सहायक निदेशक डॉ. सोनल सिंह द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न शिक्षकों सहित प्रो. हिमांशु पांडेय, डॉ. विभाष मिश्र, डॉ. फूल चंद गुप्ता, डॉ. दुर्गेश पाल, डॉ. मनोज कुमार द्विवेदी, रिसर्च एसोसिएट डॉ. सुनील कुमार, शोध अध्येता हर्षवर्धन सिंह, डॉ. रणंजय सिंह, प्रिय सिंह, चिन्मयानन्द मल्ल आदि एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे। आभार ज्ञापन विनय मल्ल द्वारा किया गया।
इस कार्यशाला के साथ ही कार्यशाला सहभागिता का प्रमाण पत्र एवं योगासन प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण भी किया गया। योगासन के विभिन्न वर्गों के विजेताओं को पुरस्कार कुलपति के द्वारा दिया गया। विश्वविद्यालय के योग अध्ययन केंद्र के विद्यार्थी मोनिका रावत, सुनीता कुमारी एवं अविनाश कुमार मद्धेशिया ने पुरस्कार जीता।