मऊ (राष्ट्र की परम्परा)
जीवन में खुशियों के लिए परिवार नियोजन बेहद जरूरी है, इसके लिए हमें समाज में और भी जागरूकता लानी होगी । साथ ही संकल्प दिलाना होगा कि हम परिवार नियोजन को खुशियों का विकल्प बनायेंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम)के परिवार कल्याण विभाग के तत्वाधान में शहरी स्वास्थ्य समन्वय समिति की हुई त्रैमासिक बैठक व कार्यशाला में इस आशय का निर्णय लिया गया। जिला महिला चिकित्सालय के सभागार में हुई इस बैठक व कार्यशाला की अध्यक्षता अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.भैरव कुमार पाण्डेय ने की।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.नरेश अग्रवाल इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए सभी सरकारी विभागों में आपसी सामंजस्य बहुत ही जरूरी है, सभी के संयुक्त प्रयासों से ही समाज के अंतिम व्यक्ति को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाओं का लाभ मिल सकेगा। सीएमओ डा. अग्रवाल ने कहा कि विश्व जनसँख्या दिवस को लेकर यह कार्यशाला और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि आगामी 11 जुलाई से 24 जुलाई तक विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन होने वाला है। इसके लिए सभी विभागों में आपसी तालमेल रखते हुए इसे सफल बनाने की जरूरत है।परिवार कल्याण के नोडल डा. भैरव कुमार पाण्डेय ने बताया कि विश्व जनसंख्या दिवस पखवाड़ा 2023 का थीम है ‘आजादी के अमृत महोत्सव में हम ले यह संकल्प-परिवार नियोजन को बनाएंगे खुशियों का विकल्प’, इस वर्ष की थीम हमारी आजादी के अमृत महोत्सव से प्रेरित है। जिसका मुख्य उद्देश्य आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर परिवार नियोजन को लोग खुशहाली और समृद्धि के रूप में अपनाएं तथा जनसाधारण को सीमित परिवार के बारे में जागरूक करें।उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम को रफ्तार देने की जरूरत है। इसलिए इस कार्यक्रम से जुड़े सभी लोगों को इसके लिए जिम्मेदारी निभानी होगी। साथ ही विश्व जनसंख्या पखवाड़े के दौरान हर यूपीएचसी पर समाज के आखिरी व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओ को पहुचाने पर जोर देना होगा।
मंडलीय समन्वयक (आजमगढ़) सुरेश ने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत लक्ष्य निर्धारित कर योजना बनाई जानी चाहिए। उन्होंने इस बारे में अधिकारियों और कर्मचारियों को भी सहयोग करने के लिए कहा।
पीएसआई इंडिया के एजुकेटर केवल सिंह सिसोदिया ने पखवाड़े में आशा एवं आंगनवाड़ी वर्कर को मिलकर कार्य योजना बना कर विश्व जनसँख्या दिवस से शुरू होने वाले पखवाड़े को सफल बनाने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उन्होंने एक प्रेजेंटेशंस के माध्यम से शहरी स्वास्थ्य समन्वयक समिति की जरूरत कके बारे में साथ ही बढ़ती हुई जनसंख्या से आने वाले समय में किस-किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इन बातों से उपस्थित सभी विभागों के प्रतिनिधियों को अवगत कराया।
शहरी स्वास्थ मिशन के जिला कॉर्डिनेटर देवेंद्र प्रताप यादव ने कार्यक्रम का संचालन किया और कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।स्टाफ नर्स सोनू रानी राय ने बताया कि इस तरह की होने वाली कार्यशाला में हमें परिवार कल्याण के कार्यक्रमों के रिवीजन के साथ नई जानकारी मिल जाती है साथ ही डाटा कलेक्ट करना कितना महत्वपूर्ण है इसका भी पता चला।
कार्यशाला में जिला कार्यक्रम प्रबंधक रविन्द्र नाथ, डा.जावेद अख्तर, डा.अभिषेक राय, डा.मो.फैजान तरफदार, डा.हरीश जायसवाल, बबलू कुमार के साथ फार्मासिस्ट, बाला साहब, प्रवीण कुमार, स्टाफ नर्स अंकिता दूबे, शबनम, माया यादव, अंकिता यादव, पुनीता राय, सुनीता उपाध्याय, डूडा, बेसिक शिक्षा, आईसीडीएस, फोग्सी, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ से रजिया मौजूद रहीं।
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