
तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करे विभाग स्मार्ट फोन भत्ता दे सरकार
पटना(राष्ट्र की परम्परा)
हर बार अपने नए-नए अनोखे आदेशों से चर्चा मे रहने वाला शिक्षा विभाग एक बार पुनः चर्चा मे है। शिक्षा विभाग के अपर परियोजना निदेशक (कार्यक्रम) ने एक फरमान जारी किया है कि, शिक्षकों को अपने स्मार्ट फोन से स्वयं अपनी उपस्थिति दर्ज करानी है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक ” ई-शिक्षा कोष ” नाम से ऐप लांच किया है। इस ऐप से राज्य के प्रत्येक प्रारंभिक एवं माध्यमिक विद्यालयों को टैग कर दिया गया है, इन विद्यालयों मे पदस्थापित सभी शिक्षक विद्यालय परिधि मे रहकर ही आने जाने का ससमय उपस्थिति दर्ज करेंगे। बिना किसी ठोस तैयारी एवं तकनीकी प्रशिक्षण के बगैर थोपे गए फरमान से शिक्षकों मे आक्रोश व्याप्त है।
परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ ने विभाग के इस फरमान का विरोध करते हुए कहा है कि, सरकार ने शिक्षकों को बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा देने व डोमिसाइल लागू करने जैसे महत्वपूर्ण मांग से ध्यान भटकाने के उद्देश्य से इस तरह का फरमान जारी किया है।
संघ के कार्यकारी प्रदेश संयोजक नवनीत कुमार एवं प्रदेश संगठन महामंत्री शिशीर कुमार पाण्डेय ने संयुक्त रूप से कहा कि विभाग द्वारा सात वर्षों मे महिला और दिव्यांग सहित सभी नियोजित शिक्षकों के लिए अबतक स्थानांतरण ऐप नही बना। लगभग एक वर्ष मे केन्द्रीकृत वेतन भुगतान हेतु पीएफएमएस ऐप नही बना। वहीं, विभागीय कार्यों के लिए कुछ महीनों मे ही ऐप तैयार करा लिया गया।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मृत्युंजय ठाकुर ने कहा कि स्मार्ट फोन से उपस्थिति दर्ज करने के लिए विभाग पहले शिक्षकों को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराकर, विधिवत तकनीकी प्रशिक्षण दे। साथ ही डाटा खर्च के लिए भत्ता भी दे।
प्रदेश महासचिव अखिलेश कुमार सिंह एवं प्रदेश कोषाध्यक्ष अशोक कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि जो शिक्षक अपने मूल विद्यालय से अन्य उच्च विद्यालयों मे प्रतिनियुक्त हैं , उनकी उपस्थिति दर्ज करने मे भी कठिनाई होगी। साथ ही विद्यालय का अक्षांश और देशांतर सहित अन्यान्य, तकनीकी समस्याओं के निराकरण के बिना ” ई-शिक्षा कोष ” ऐप से उपस्थिति दर्ज करना संभव नही है।
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