वक्त ज़रूरत पर जब अकेला पाया

कुछ लोग आगे पीछे रहते हैं,
हँसते खेलते समय बिताते हैं,
इसका तात्पर्य यह नहीं होता है,
कि ऐसे सब लोग सच्चे मित्र हैं।

इस बात का ध्यान रखना होगा,
कि लोग मीठा मीठा बोलते हैं,
सुबह शाम गुण गान करते हैं,
अन्त में अपना रंग दिखा देते हैं।

मुझे बहुत अच्छा लगता था सभी
को सादर सदैव ख़ुश रखने का,
वक्त ज़रूरत पर जब अकेला पाया,
स्वयं को, मुझे खुद होश तभी आया।

हज़ारों लोग जुड़कर ये जताते हैं,
मगर मौक़े पाते बदल जाते हैं,
कौन अपना और कौन पराया है,
समय आने पर पता लगता है ।

प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टाइन का
कहना था उन्हें धन्यवाद देता हूँ,
जो अवसर आने पर नकार देते हैं,
और अपना बन निराश कर देते हैं।

उनके इस नकार का कारण है
कि मैंने स्वयं वह कर दिखाया है,
जो उनसे मिलकर हमें करना था,
वह सब अकेले दम कर डाला है।

इसके लिये जुनून जगाना पड़ता है,
दिल लगा मंज़िल पर जाना पड़ता है,
जैसे पक्षी को घोंसला बनाने के लिये,
उड़ उड़ कर तिनके लाना पड़ता है।

इसी जुनून के साथ अपने मन को
पवित्र रखने की कोशिश करनी है,
आदित्य तन पूरा पाक नहीं हो सकता,
इंसान पवित्रता की कोशिश करता है।

कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
लखनऊ

Editor CP pandey

Recent Posts

🌟 दैनिक राशिफल 15 सितम्बर 2025 🌟

✨ आज का दिन कई राशियों के लिए रोमांटिक और शुभ रहने वाला है। वहीं…

3 hours ago

लखीमपुर खीरी में किशोर का शव मिलने से तनाव, गाँव में भारी पुलिस बल तैनात

लखीमपुर खीरी।(राष्ट्र की परम्परा डेस्क)भीरा क्षेत्र के लालजी पुरवा से लापता किशोर का शव मिलने…

3 hours ago

प्रदेश में लम्पी रोग पर सख़्ती, कृषि मंत्री ने की उच्चस्तरीय समीक्षा

लखनऊ।(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने रविवार को पशुओं…

4 hours ago

भीषण सड़क हादसे मे दो की मौत एक घायल लोगों में मचा हड़कंप

शाहजहांपुर(राष्ट्र को परम्परा)खुटार थाना क्षेत्र के गांव लौंहगापुर जंगल में रविवार की सुबह एक दर्दनाक…

5 hours ago

रेल में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली सुविधा को लागू करे सरकार

देवरिया, (राष्ट्र की परम्परा)। रविवार को भीखमपुर रोड स्थित सुहेलदेव सम्मान स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय…

5 hours ago

“पानी से नहीं, नीतियों से हारी ज़िंदगी”

बार-बार दोहराई गई त्रासदी, बाढ़ प्रबंधन क्यों है अधूरा सपना? हरियाणा और उत्तर भारत के…

5 hours ago