मुजेहना, गोण्डा(राष्ट्र की परम्परा)14 अक्टुबर…
आज की मतलबी दुनिया में ऐसे मित्र अमूमन कम ही मिलते हैं जो मृत्यु के बाद भी मित्रता के बन्धनों में बंधे रह कर मित्र की कमियां पूरी करते हैं।
आज हम आपको इस खबर के माध्यम से ऐसे ही एक सख्श की मित्रता के बारे में बताने जा रहे हैं जो वर्तमान समय में मित्रता के वास्तविकता को परिलक्षित कर रहे है।
इटियाथोक ब्लॉक के ग्राम पंचायत विशुनपुर माफ़ी के रहने वाले विजय कुमार गौतम व संझवल गाँव के रहने वाले बजरँगी दोनों परदेश ( पंजाब ) में जीविका चलाने के लिए कमाने गए हुए थे, एक ही क्षेत्र से होने की वजह से दोनों में मित्रता हो गयी। कई सालों तक दोनों परदेश में अच्छे मित्र बन कर एक दूसरे के सुख दुःख में साथ निभाते रहे। आज के करीब पांच वर्ष पूर्व गम्भीर बिमारी के चलते बजरँगी का निधन हो गया, बजरंगी के निधन के बाद उसके परिवार का एक सहारा छीन गया माँ, बाप के बुढ़ापे की लाठी हर त्यौहार पर बहन के घर मायके की सौगात लाने वाले भाई के जाने के बाद विजय उसकी कमी को पूरा करते आ रहे हैं।
बजरंगी के घर हर मुश्किल में बूढ़े माँ बाप को सहारा देने के साथ हर साल बहन गीता के घर रक्षा बन्धन बंधवाने आते हैं इस बार भी करवाचौथ से एक दिन पूर्व वे अपने स्वर्गवासी मित्र बजरँगी की बहन गीता के घर करवा ले कर पहुंच तो बहन की आँखे भाई को देख भर आईं मित्रता के बन्धन को निभाने का उनका ये प्रेम देख परिवार के बाकी लोगों के हृदय में विजय अपनों से बढ़ कर स्नेह पा रहा है। आज लोग उसकी दोस्ती की मिशाल दे कर कहते हैं हर इंसान के जीवन में एक ऐसा मित्र ज़रूर होना चाहिए जिसे मृत्यु की अलग न कर पाये। विजय अपनी मित्रता निभा कर इस बन्धन को और पवित्र बना रहे हैं जिसकी सब प्रशंसा कर रहे है।
संवाददाता गोण्डा…
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