
लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में अवैध अतिक्रमणों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाते हुए सख्त कदम उठाए हैं। गुरुवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राज्य के सात सीमावर्ती जिलों में पिछले दो महीनों में कुल 130 अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया है, 198 को सील किया गया है और 223 को नोटिस जारी कर कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
सात जिलों में चला अभियान
यह अभियान विशेष रूप से भारत-नेपाल सीमा से सटे पीलीभीत, श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सिद्धार्थनगर और महराजगंज जिलों में संचालित किया गया। इन जिलों में भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा, कानून व्यवस्था और भू-राजस्व संरक्षण को प्राथमिकता मानते हुए प्रशासन ने यह कार्रवाई की है।
धार्मिक स्थलों पर भी कार्रवाई
बयान के मुताबिक, कार्रवाई के दायरे में ईदगाह, मदरसे, मजार और अन्य धार्मिक स्थलों के रूप में किए गए अवैध अतिक्रमण भी शामिल हैं। शासन ने स्पष्ट किया है कि कानून सभी के लिए समान है और किसी भी तरह के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह किसी भी स्वरूप में हो।
श्रावस्ती जिला सबसे ऊपर
इन सात जिलों में श्रावस्ती जिले में सबसे अधिक 149 मामलों में कार्रवाई की गई है। प्रशासन ने वहां कई पुराने अतिक्रमणों को हटाया, जिनकी शिकायतें लंबे समय से स्थानीय नागरिकों द्वारा की जा रही थीं। श्रावस्ती के बाद लखीमपुर खीरी और बहराइच में भी बड़ी संख्या में निर्माणों को चिन्हित कर आवश्यक कार्रवाई की गई।
मुख्यमंत्री ने दिए थे निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत-नेपाल सीमा पर असुरक्षा की आशंका को दूर करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिए थे। शासन का मानना है कि सीमा क्षेत्र में किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण भविष्य में सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।प्रशासनिक समन्वय में हुआ संचालन
इस अभियान को राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, स्थानीय निकायों तथा जिला प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई के रूप में संचालित किया गया। हर जिले में विशेष टीम गठित कर चिन्हांकन, सत्यापन और विधिक प्रक्रिया के बाद निर्माणों को हटाया गया।
सरकार की स्पष्ट नीति: “अवैध कब्जा करने वालों को नहीं मिलेगा संरक्षण”
प्रदेश सरकार ने पुनः दोहराया है कि किसी भी अवैध अतिक्रमण को राजनीतिक या धार्मिक संरक्षण नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री का कहना है कि यह कार्रवाई केवल कानून व्यवस्था और सुरक्षा के दृष्टिकोण से की जा रही है, जिसमें किसी जाति, धर्म या समुदाय के प्रति भेदभाव नहीं बरता जा रहा है।
उत्तर प्रदेश सरकार की यह कार्रवाई स्पष्ट संदेश देती है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में कानून का राज कायम करने के लिए राज्य प्रतिबद्ध है। यह कदम न केवल सीमा की सुरक्षा बल्कि शासन की पारदर्शिता और कानून के प्रति निष्ठा का प्रमाण है।
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