“यह विकसित भारत के लिए बना मार्गदर्शक दस्तावेज”

नई दिल्ली,(राष्ट्र की परम्परा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की पाँचवीं वर्षगांठ के अवसर पर इसे “विश्व स्तरीय शिक्षा के सार्वभौमिकरण का एक दार्शनिक दस्तावेज” बताया। उन्होंने कहा कि यह नीति विकसित भारत के निर्माण की दिशा में सबसे अहम मार्ग बनकर उभरी है।
शिक्षा मंत्री ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने विचार साझा करते हुए लिखा, “29 जुलाई हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। आज से ठीक पाँच वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में NEP 2020 को लागू किया गया था। इस नीति ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को नई दिशा दी है।”
धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर NEP 2020 के माध्यम से किए गए प्रमुख परिवर्तनों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह नीति केवल सैद्धांतिक नहीं, बल्कि व्यवहारिक सुधारों की नींव है जिसने शिक्षण-पद्धतियों, पाठ्यक्रमों, मूल्यांकन प्रणाली और बहुभाषीय शिक्षा को नया जीवन दिया है। इसके अंतर्गत स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक में कई संरचनात्मक और पद्धतिगत बदलाव किए गए हैं।
NEP 2020 के प्रमुख बिंदु:
10+2 की जगह अब 5+3+3+4 की स्कूली संरचना। मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा पर बल। व्यावसायिक शिक्षा और स्किल डवलपमेंट को मुख्यधारा से जोड़ना। बहु-विषयक शिक्षा और लचीले पाठ्यक्रम। उच्च शिक्षा में ‘अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट’ और मल्टी-एंट्री, मल्टी-एग्जिट सिस्टम की शुरुआत।
धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी कहा कि पिछले पाँच वर्षों में NEP 2020 के प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगे हैं। डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में हुए सुधार, राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा मंच ‘दीक्षा’, और ‘नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क’ जैसी पहलें इस दिशा में मील का पत्थर साबित हुई हैं।
उन्होंने शिक्षा से जुड़े सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों, संस्थानों और नीति निर्माताओं से इस नीति को जमीनी स्तर पर और प्रभावी बनाने की अपील भी की।
More Stories
भाजपा ने राधाकृष्णन को बनाया उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार, 9 सितंबर को होगा चुनाव
झाड़ियों में मिला नर कंकाल, इलाके में दहशत
STET अभ्यर्थियों का डाकबंगला चौराहा पर प्रदर्शन, पुलिस ने संभाला मोर्चा