November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

सूचना अधिकार अधिनियम के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

आरटीआई अधिनियम एक क्रांतिकारी कदम उपायुक्त-दीपक झिजाड़।

भिवंडी/मुम्बई(राष्ट्र की परम्परा)l किसी भी देश की सरकार के द्वारा बनाए गए कानूनों के निर्माण का अर्थ है कि देश का प्रत्येक नागरिक उनका पालन करने के लिए बाध्य हैं। इसलिए कई समस्याओं पर अंकुश लगाना आसान हो जाता है। ऐसे कानून नागरिकों पर प्रतिबंध लगाकर सरकार को नियंत्रित रखते है। लेकिन सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 अंर्तगत नागरिकों को सूचना प्राप्त करने के लिए नियम और प्रक्रियाएं स्थापित की गयी है। अब नागरिकों को सरकार के विभिन्न विभागों में चल रहे कार्यों के बारे में सीधे जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है। अब कोई भी काम कायदे के विरूद्ध ना हो इस पर नागरिकों ने निगाहें बनाकर रखा हुआ है।


आपको बता दूं कि अनुमोदन सूचना का अधिकार अधिनियम, एक क्रांतिकारी कदम है। क्योंकि नागरिक सरकारी कार्यों की निगरानी करने जा रहे है। स्वं राजय्या गाजगी सांस्कृतिक हाल में यशदा,पुणे द्वारा आयोजित सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्रशिक्षण शिविर कार्यक्रम के दरमियान पालिका उपायुक्त दीपक झिजाड़ ने अधिकारियों को सम्बोधित किया। और नागरिकों से अपेक्षा की कि, संविधान में नागरिकों को अधिकार दिया गया हैं, कि वह हर चीज में भाग लें सकते है। जिसके कारण राज्य के हर मामलों में पारदर्शिता और खुलापन पैदा होगा, और एक गहरे लोकतंत्र में नागरिक सामूहिकता को बनाने में मदद करता है। इस अवसर पर पालिका के प्रथम अपीलीय प्राधिकारी, शासकीय लोक सूचना अधिकारी, सहायक लोक सूचना अधिकारी आदि उपस्थित थे। सूचना का अधिकार अधिनियम के इस प्रशिक्षण से दो सौ अधिकारी एवं कर्मचारी लाभान्वित हुए और सभी प्रशिक्षार्थियों ने व्याख्याताओं को धन्यवाद दिया, क्योंकि दोनों व्याख्याताओं ने अपने सहज, सरल और धाराप्रवाह शैली में अपने व्याख्यानों के माध्यम से जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान मुख्य लेखा परीक्षक श्रीकांत अनारसे, उपायुक्त (शिक्षा) प्रणाली घोंगे, सहायक आयुक्त (स्वास्थ्य) प्रीति गाडे और यशदा, पुणे के व्याख्याता दादू बुले और रेखा सालुंके सहित भारी संख्या में पालिका के कर्मचारी व अधिकारी उपस्थित थे। वही पर कार्यक्रम का संचालन जनसंपर्क अधिकारी सुनील झलके ने किया।