
बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। खरीद दरौली पीपा पुल जोगाड़ के सहारे चल रही है इस पुल का निर्माण दो खंडो में किया जाता है दोनों खंडो के बीच लगभग 800 मीटर रेत का पाट है जिसमे गाड़ियों को सुगमता से चलने के लिए लोहे के चादर बिछायीजाती है जिससे गाड़ी आसानी से उस पर चल सके तथा गाड़ियों के क्रासिंग के लिए बीच बीच मे स्थान बनाये जाते है। लेकिन लोक निर्माण विभाग की लापरवाही की वजह से लोहे की चादरे बालू के अंदर दब गई है जिसके कारण गाड़िया बालू में फस जा रही है जिससे दोनों तरफ जाम लग जा रहा है वही पुल पर भी चादरे अस्त ब्यस्त हो गई है इस प्रकार पीपा पुल का संचालन जैसे तैसे हो रहा है।वही उत्तरी पाट के पीपा पुल के उत्तरी नाका पर चढ़ाई पर ही गड्ढा हो गया है जिससे छोटे पहिया वाले वाहन उसी में फस जा रहे है जिससे राहगीरों को काफी कठिनाई हो रही है।वही पुल की रेलिंग भी कई जगह छतिग्रस्त है । दक्षिणी पाट के पुल के उत्तरी नाका के सुरुवात में ही पुल में लगे लकड़ियों के बीच मे काफी गैप है जिसकी वजह से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।पीपा पुल बिहार व बालिया के लोगो को सुविधा को देखते हुवे तैयार किया जाता है लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते लोगो को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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