देश के मोदी सरकार का S Model मध्यम वर्ग की प्रगति के लिए पहुंचा रहा लाभ

नईदिल्ली एजेंसी।ध्यम वर्ग के जीवन स्तर, स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने विभिन्न स्तरों पर काम किया है। भारत सरकार के लगातार प्रयासों के कारण ही मध्यम वर्ग के बीच गौरव की नई भावना पैदा हुई है। भारत सरकार ने दुनिया को एक वैकल्पिक मॉडल दिया है जिसके जरिए मध्यम वर्ग समृद्धि पा सकता है। इसमें संपन्नता, सुरक्षित भविष्य, श्रेष्ठ जीवन और सरलता शामिल है। ये चारों मिलकर मध्यम वर्ग के विकास के साथी और साक्षी बने है।

भारत सरकार ने बेहतर परिणामों की दिशा में कदम बढ़ाया है। केंद्र सरकार के प्रयासों की बदौलत ही बीते नौ वर्षों में 353 नए विश्वविद्यालय, 15 नए एम्स और 261 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। मेडिकल करने के इच्छुक छात्रों के लिए अब देशभर में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर 77,386 नई मेडिकल सीट सुनिश्चित हुई है।

भारत सरकार द्वारा शुरु की गई आयुष्मान भारत योजना दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य सेवा  कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहा है। 50 करोड़ से अधिक भारतीयों को कवर करते हुए आयुष्मान भारत गरीब और नव-मध्यम वर्ग को उच्च गुणवत्तापूर्ण और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित कर रहा है।

– केंद्र सरकार की पहल का परिणाम है कि भारतीय जन औषधि केंद्र से दवा और चिकित्सीय उपकरण लेने से जनता के 20 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है।

– यह संभव हो पाया 9 हजार जन औषधि केंद्रों पर उपलब्ध 50-90 प्रतिशत सस्ती जेनरिक दवाईयों और 1.5 लाख आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 87 करोड़ मुफ्त जांच की सुविधा से।

– 2023 की ग्लोबल रैंकिंग में 41 भारतीय विश्वविद्यालय को विशिष्ट जगह मिली है जबकि 2014 में यह संख्या केवल नौ थी।

– नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त।

– आय कर स्लैब 6 से घटाकर 5 किया गया।

– नई कर व्यवस्था में अब 50 हजार रुपये की मानक छूट का लाभ भी मिलेगा।

– नई कर व्यवस्था में 9 लाख रुपये तक वार्षिक आय वाले व्यक्ति को केवल 45 हजार रुपये और 15 लाख रुपये आय पर 1.50 लाख रुपये चुकाने होंगे।

– इस वर्ष से डिफॉल्ट रहेगी नई कर व्यवस्था, पुरानी व्यवस्था चुनने की रहेगी स्वतंत्रता। 

जीवन की सुगमता का आधार जीएसटी से खाना सस्ता

देश की वयस्क आबादी को आधार नंबर जारी करने का काम करीब-करीब पूरा हो गया है। जनवरी, 2023 तक 135 करोड़ से अधिक आधार नंबर जारी किए गए हैं। आमजन के दैनिक जीवन में निरंतर सहायता और सुशासन को मजबूती देने के साथ आधार ‘जीवन यापन में आसानी’ का माध्यम बन रहा है। वहीं एक देश, एक कर व्यवस्था यानी जीएसटी ने रेस्तरां में  खाना भी आसान कर दिया है।

– 135.2 करोड़ आधार नामांकन जेनरेट किए गए 

– 75.3 करोड़ लोगों ने राशन लाभ के लिए राशनकार्ड से आधार लिंक किया

– 27.9 करोड़ लोगों ने एलपीजी सब्सिडी के लिए कनेक्शन से आधार लिंक किया।

– 75.4 करोड़ बैक खाते आधार के साथ लिंक किए गए

– आधार लिंक सिस्टम से 1500 करोड़ से ज्यादा बार किया गया लेनदेन।

Editor CP pandey

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