
बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। चंबल घाटी और माताटीला डैम से छोड़े गए पानी के चलते गंगा नदी के जलस्तर में रविवार को भी तेजी से बढ़ाव जारी रहा। इसके कारण एनएच-31 के दक्षिणी छोर पर बसे गांवों के लोगों में दहशत का माहौल है। चैन छपरा, उदवंत छपरा, राजपुर, नेम छपरा, हासनगर, नंदपुर, बादिलपुर, पोखरा, गायघाट सहित कई गांवों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। वहीं हल्दी और भरसौता में भी पानी तेजी से प्रवेश कर रहा है। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि लोग डर के कारण अपने घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों व रिश्तेदारों के यहां पलायन करने को मजबूर हो गए हैं। इन गांवों में किसानों द्वारा बोई गई सैकड़ों एकड़ खरीफ की फसलें पानी में डूब चुकी हैं, जिससे उनके सामने अपने परिवार और पशुओं के भरण-पोषण के लिए चारे का भी संकट खड़ा हो गया है। बाढ़ प्रभावित गांवों में यदि किसी बुजुर्ग, महिला या बच्चे की तबीयत बिगड़ जाती है तो अस्पताल या जिला मुख्यालय तक पहुंचने का एकमात्र सहारा नाव है। लेकिन अभी तक किसी भी गांव में शासन प्रशासन की ओर से नाव की व्यवस्था नहीं कराई गई है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी बलिया से अपील की है कि जल्द से जल्द नाव की व्यवस्था की जाए, जिससे आपात स्थिति में राहत पहुंचाई जा सके।इधर, सिंचाई व जल संसाधन विभाग, बाढ़ खंड बलिया की ओर से लगातार प्रचार-प्रसार कर लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है। विभाग द्वारा किसी भी आपात स्थिति के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष का मोबाइल नंबर 8874194325 भी जारी किया गया है, जिस पर संपर्क कर मदद ली जा सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि समय रहते राहत और बचाव की व्यवस्थाएं नहीं की गईं तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। प्रशासन से उम्मीद है कि जल्द ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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