राशन लेने गई दलित महिला के साथ कोटेदार ने किया दुर्व्यवहार

शिकायत करने के बाद भी पीड़िता को नहीं मिल रहा न्याय, महिला ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार

महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। नौतनवां में सरकारी योजनाओं की हैरान करने वाली हकीकत सामने आई है। जहां जिम्मेदार अपनी दबंगई का परिचय देते हुए जनता को सरकारी योजना का लाभ देने के बजाय उनके साथ गाली-गलौज व मार-पीट करने पर आमादा है। ऐसा ही एक मामला नगर पालिका परिषद नौतनवां के वार्ड संख्या- 14, गौतम बुद्ध नगर का प्रकाश में आया है। प्राप्त समाचार के अनुसार गौतम बुद्ध नगर वार्ड की रहने वाली गरीब दलित महिला रेनू देवी को राशन लेने की कीमत बेइज्जती, गाली-गलौज और मार-पीट के रूप में चुकानी पड़ी। हैरानी की बात तो यह है कि शिकायत के बावजूद स्थानीय पुलिस ने कोटेदार के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की बल्कि उल्टे पीड़िता पर ही तहरीर वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। रेनू देवी सरोजनी नगर वार्ड नं- 15 स्थित सरकारी राशन की दुकान संख्या 10570030 पर राशन लेने पहुंची, तो वहां चावल और गेहूं मिक्स कर बांटा जा रहा था। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो कोटेदार ने अपनी सारी मर्यादा भूलकर जातिसूचक शब्दों की बौछार कर दी और खुले आम धमकी देते हुए कहा कि फ्री का राशन मिल रहा है।जो मिल रहा है, ले जा, वरना यहां से निकल ले।प्रत्युत्तर में जब रेनू देवी ने अपमान का विरोध किया, तो कोटेदार ने उन्हें बाल पकड़कर जमीन पर पटक दिया। भीड़ जमा हुई तो कोटेदार दरवाजा बंद कर भाग निकला। रेनू देवी ने हिम्मत दिखाते हुए 112 पर कॉल किया। पुलिस मौके पर आई, लेकिन कोटेदार की गैर मौजूदगी में पीड़िता को थाने जाने को कहा गया। पीड़िता की मानें तो थाने में तहरीर देने के बाद उसी रात करीब 10 बजे कोटेदार अपने 7-8 गुर्गों के साथ गैंग बनाकर उसके घर में घुस आया। उसमें से एक व्यक्ति ने खुद को पत्रकार बताया और बोला तुझ जैसी नीच जाति को हमने बहुत देखा है। तहरीर वापस ले ले वरना तुझे और तेरा साथ देने वालों को जेल भेज दूंगा। रेनू देवी ने जब दबाव में आने से इनकार किया, तो उसे गालियां देते हुए उसका गला दबाया गया और लात-घूंसे से मारा गया। मोहल्ले वालों के इकट्ठा होने पर उसकी जान बची। लेकिन असली हैरानी की बात तब हुई जब पीड़िता अगली सुबह थाने गई और आरोपी कोटेदार, कथित पत्रकार व उनके गुर्गों की शिकायत की, तब से चौकी इंचार्ज लगातार तहरीर वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नौतनवां की पुलिस न्याय की रक्षक है अथवा नहीं। क्या एक दलित महिला की आवाज सिर्फ फाइलों में ही गुम रहेगी या उसे न्याय मिलेगा,अब यह देखना दिलचस्प होगा।रेनू देवी ने अब पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है, और मांग की है कि सभी आरोपियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए। जनता अब देख रही है कि क्या कानून सचमुच सबके लिए बराबर है या फिर जाति और सत्ता की ताकत के सामने न्याय भी घुटने टेक चुका है।

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