
लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा विशेष संवाददाता डेस्क)
बारिश का मौसम जहाँ गर्मी से राहत और ताजगी लेकर आता है, वहीं यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। मानसून के दौरान वातावरण में बढ़ी नमी और बदलते तापमान के चलते बैक्टीरिया, वायरस और फंगस तेजी से पनपते हैं। इससे डायरिया, पेचिश, मलेरिया, डेंगू, कंजंक्टिवाइटिस, टाइफाइड, वायरल फीवर और निमोनिया जैसी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में खानपान और दिनचर्या में सावधानी बरतना निहायत जरूरी हो जाता है।
मानसून में क्यों बढ़ जाता है बीमारी का खतरा?
हवा में नमी: नमी बैक्टीरिया और फंगस के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती है।
दूषित पानी का सेवन: बरसात में जलस्रोतों का पानी अधिकतर प्रदूषित हो जाता है, जिससे पेट से जुड़ी बीमारियाँ फैलती हैं।
गंदगी व जलजमाव: मच्छरों के पनपने का कारण बनते हैं, जिससे मलेरिया और डेंगू जैसे रोग फैलते हैं।
कमजोर इम्यूनिटी: बुजुर्ग, बच्चे और पहले से बीमार लोग संक्रमण की चपेट में जल्दी आ जाते हैं।
मानसून में खानपान को लेकर रखें ये सावधानियां:
- उबला या फिल्टर्ड पानी ही पिएं: पानी उबालकर पीना मानसून में सबसे जरूरी सावधानी है।
- बाहर का खाना करने से बचें: खासतौर पर चाट, पकौड़ी, समोसे, कटे फल या खुले में मिलने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
- हल्का और सुपाच्य भोजन करें: भारी, तली-भुनी चीजें पाचन को कमजोर करती हैं, जिससे पेट की समस्या हो सकती है।
- इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ लें: नींबू, तुलसी, अदरक, हल्दी, लहसुन और मौसमी फल जैसे अमरूद, सेब, अनार, कीवी आदि को डाइट में शामिल करें।
- हरी सब्जियाँ ध्यान से धोकर खाएं: पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, मैथी में मिट्टी या कीड़े हो सकते हैं। इन्हें अच्छे से धोकर पकाएं।
- दूध और दूध से बनी चीजें फ्रेश ही लें: मानसून में दूध जल्दी खराब होता है, इसलिए ताजे उत्पादों का ही सेवन करें।
- मसालेदार खाने से बचें: ज्यादा तीखा और मसालेदार खाना शरीर में एसिडिटी और पाचन संबंधी समस्या को बढ़ा सकता है।
- फ्रिज में रखे बासी खाने से बचें: बारिश में जल्दी बैक्टीरिया पनपते हैं, इसलिए बासी भोजन खाना खतरे से खाली नहीं है।
लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव:
हाथ धोने की आदत बनाएं: खाना खाने से पहले और बाहर से आने के बाद हाथ जरूर धोएं।
सूखा और साफ कपड़ा पहनें: नमी से बचने के लिए खुद को सूखा और साफ रखें।
मच्छरों से बचाव करें: सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें और आसपास जलजमाव न होने दें।
भीगने पर तुरंत कपड़े बदलें: बारिश में भीगना रोमांचक जरूर हो सकता है लेकिन यह सर्दी-जुकाम और वायरल का कारण बन सकता है।
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