December 24, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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सर्दियों के मौसम में रखें अपनी सेहत का ख्याल

वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर अनिल श्रीवास्तव का सलाह

कुशीननगर (राष्ट्र की परम्परा) ठंड से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।हालांकि,सोमवार को दिन में कड़ी धूप रही,पर शाम होते सिहरन बढ़ जाती है। सर्दियों का यह सुहावना मौसम अपने साथ स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं भी लेकर आता है। इस दौरान गले में खराश, सर्दी-जुकाम,सीने में जकड़न जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसे में थोड़ी सी सावधानी बरत कर जाड़े के मौसम का आनंद लिया जा सकता है।
कसया नगर के प्रसिद्ध चिकित्सक छाती,उदर,मधुमेह व मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनिल श्रीवास्तव
(एम डी मेडिसिन) ने खास बात चीत मे बताया कि
डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित मरीजों को इस मौसम में खास ध्यान देना जरूरी होता है। जाड़े में मधुमेह (डायबिटीज) के मरीजों में दिल और मस्तिष्क आघात का खतरा रहता है। जाड़े में रक्तचाप बढ़ना भी आम समस्या है ऐसे मरीज को जाड़े में सावधानी बरतनी चाहिये।सोमवार को जीवन ज्योति चिकित्सालय में सर्दी खांसी,बुखार और गले में इंफेक्शन के मरीज भी अपनी इलाज हेतु पहुंचे।इस मौसम में विशेष कर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को बाहर की ठंड हवा से बचना चाहिए। ज्यादा दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
गले की खराश में गर्म पानी में नमक डाल कर गलाला करना फायदेमंद होता है।
अस्थमा के मरीज सुबह में गर्म बिस्तर से उठ कर तुरंत खुली हवा में न जाएं, अन्यथा ठंड लग सकती है। इन्हेलर और नैजल स्पे आदि का इस्तेमाल भी करते रहें।
सर्दी सबसे ज्यादा सिर,कान और पैरों के जरिए शरीर में प्रवेश करती है। इसलिए अपने शरीर के इन हिस्सों को ठंडी हवाओं से बचाकर रखें।
घर में या बाहर रोजाना 15-20 मिनट कसरत करें, ताकि शरीर से थोड़ा-बहुत पसीना जरूर निकले।
ठंडी चीजों फ्रीज से निकले पदार्थ का उपयोग बंद कर दें। मच्छरदानी का उपयोग जरूर करें।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लहसुन,प्याज और मेवों का उपयोग करें। यह काफी लाभप्रद है।
कसया के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर अनिल श्रीवास्तव के अनुसार, जाड़े में बुखार और संक्रमण का भी खतरा रहता है। इसलिए अपने भोजन में टमाटर, हरि पालक साग, मौसमी सब्जियों और फलों का सेवन फायदेमंद होता है। इनसे शरीर का तापमान मौसम के मुताबिक गर्म रहेगा। संक्रमण से बचने के लिए रोज सुबह एक लौंग खाना भी लाभप्रद है। कुछ लोगों की शिकायत रहती है कि जाड़े में उनकी त्वचा कड़ी या सुन्न हो जाती है। सुन्न हिस्से को गुनगुने पानी में थोड़ी देर रखने से आराम मिलता है। सर्दी-खांसी और बुखार के 100 से ज्यादा वायरस होते हैं। इसलिए पौष्टिक भोजन का सेवन कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना भी जरूरी है। यह भी ध्यान रखें कि अगर कोई संक्रमण से पीड़ित हैं, तो खांसते या छींकते वक्त हमेशा मुंह पर रूमाल रखें, क्योंकि इसका वायरस अन्य लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है।