November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

बचपन से ही रखें बचपन का ख्याल

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)l माँ की गोद शिशु का पहला पालना होता है।यहीं उसे पोषक तत्व मिलते हैं और यहीं वह मुस्कराना सीखता है अपनों को पहचानने से लेकर अपनी मातृ भाषा से परिचित होने की इस विकास यात्रा में शिशु की गतिविधियों में कई तरह के बदलाव होते हैं। जिन्हे समझ कर उसके शारीरिक व बौद्धिक क्षमताओं का पता लगाया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड में इसकी पूरी जानकारी दी गयी है। इसे अपनाकर बचपन खुशहाल बनाया जा सकता है।शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ आसिफ जमील अंसारी बताते हैं कि बचपन में की गई सही परवरिश व्यक्ति को पूरे जीवन स्वस्थ रखने में मदद करती है। विभाग की ओर से जारी “मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड”में उम्र के हिसाब से शिशु की अलग-अलग कई गतिविधियों व पालन-पोषण की जानकारी दी गयी है।इस कार्ड में चेतावनी चिन्हों को भी दर्शाया गया है।इसे शिशु की गतिविधियों की निगरानी कर आसानी से पहचाना जा सकता है।डॉ अंसारी के अनुसार शिशुओं की असामान्य छोटी सी हरकत भी किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकती है।ऐसे शिशुओं की देखभाल के लिए तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
तीन माह के शिशु में चेतावनी चिन्ह –
Øपरिचित व्यक्ति को देखकर न मुस्कराना/अचानक ज़ोर से आवाज होने पर भी न चहकना / रोना स्तनपान कराते समय / बात करते समय माँ से आँख न मिलाना
/हाथ पांव ,सर व गर्दन की मांसपेशियों में अकड़न व सर का पीछे की तरफ झुक जाना/आँखों में भेंगापन/हाथ के अंगूठे को लगातार दबाये रखना या मुट्ठी न खोलना छह माह के शिशु में चेतावनी के चिन्ह-सिर को न सम्हाल पाना/अलग अलग तरह की आवाज न निकाल पाना जैसे अ,आ इ/सहारे के बावजूद भी न उठ पाना/गतिशील वस्तुओं को देखते समय सिर और आंखे एक साथ न घुमा पाना/अपनी पहुँच की वटुओं को भी न पकड़ पाना/पेट के बल लेटने पर सिर न उठा पाना
नौ माह के शिशु में चेतावनी के चिन्ह- लेटे रहने पर पलट न पाना/सरल शब्द जैसे पा,माँ बा आदि न बोल पाना/बैठने के लिए सहारे की जरूरत होना/आवाज की दिशा में नहीं मुड़ना/वस्तुओं को देखने के लिए हर बार सिर को एक ही तरफ झुकाना
12 माह के शिशु में चेतावनी के चिन्ह- ऊंगली और अंगूठे से छोटी चीजें न उठा पाना/अपने सामने छिपाए हुए खिलौने को भी न खोज पाना/गोद में जाने के लिए हाथ न बढ़ाना/नाम बुलाने पर भी न सुनना या कोई प्रतिक्रिया न करना/लुका-छिपी जैसे खेल न खेलना 18 माह के शिशु में चेतावनी के चिन्ह-बिना मदद के पैरों पर खड़ा न हो पाना/माँ के इशारों का जवाब न देना जैसे शिशु अपनी ही दुनिया में खोया हो/छोटी वस्तुओं को डिब्बे में न डाल पाना/किसी काम के लिए दोनों हाथों का उपयोग न करना,किसी एक हाथ के प्रयोग को प्राथमिकता देना/माँ,पापा,दादा जैसे सरल शब्दों को न बोल पाना/बताओं तुम्हारा खिलौना कहाँ है ?
ऐसा कहने पर ऊंगली से संकेत न कर पाना
24 माह के शिशु में चेतावनी के चिन्ह- खिलौना खींचते समय सीधा न चल पाना/नमस्ते ,टाटा या किसी अभिवादन का जवाब न दे पाना/कुछ भी लिख न पाना/दो शब्द जैसे दूध दो का प्रयोग न कर पाना/सरल निर्देशों को न समझ पाना या उनका पालन न कर पाना
तीन साल के शिशु में चेतावनी के चिन्ह/सीढ़ियों से ऊपर चढ़ने या उतरने में कठिनाई होना/नकल करने वाले खेल न खेल पाना/बिना मदद खाना न खा
पाना/मुंह से लार टपकाना , साफ न बोल पाना/अपनी बात न समझा पाना /कही बात को बार-बार दोहराना /आसान वाक्यों को न बोल पाना जैसे माँ पानी देनाl